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सिंहपर्णी के फायदे और नुकसान – Dandelion Benefits and Side Effects in Hindi

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सिंहपर्णी एक औषधीय पौधा है, जिसका जिक्र अक्सर इसके गुणकारी फूलों के लिए किया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए हम सिंहपर्णी से संबंधित जरूरी जानकारियां देने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें शामिल हैं – सिंहपर्णी के फायदे, इसका उपयोग और साथ ही सिंहपर्णी के नुकसान। इस लेख में कुछ खास बीमारियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे बताए गए हैं। सिंहपर्णी के गुण बीमारी के जोखिम या उसके असर को कम कर सकते हैं। वहीं, अगर बीमारी गंभीर हो, तो डॉक्टर से उपचार करना जरूरी है।

लेख की शुरुआत करते हैं डैंडेलियन के बारे में कुछ सामान्य, लेकिन खास जानकारी के साथ।

विषय सूची


सिंहपर्णी क्या है?

सिंहपर्णी एक प्रकार का पौधा है, जिसका फूल पीले रंग का होता है। इसका वैज्ञानिक नाम टराक्सेकम ऑफिसिनल (Taraxacum Officinale) है। अंग्रेजी में इसे डैंडेलियन (Dandelion) और लायंस टूथ (Lion’s Tooth) के नाम से जाना जाता है। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। यही वजह है कि लंबे समय से इसे पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता रहा है। माना जाता है सिंहपर्णी का उपयोग शरीर की विभिन्न बीमारियों के उपचार में एक सहायक भूमिका निभा सकता है, जिसके बारे में आगे लेख में बताया गया है।

आइए, जानते हैं कि सिंहपर्णी के फायदे किस प्रकार आपकी मदद कर सकते हैं।

सिंहपर्णी के फायदे – Benefits of Singhparni (Dandelion) in Hindi

नीचे विस्तार से जानिए सिंहपर्णी के फायदे।

1. सूजन के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी के फायदे की बात करें, तो इसमें सूजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं। सूजन के वजह से शरीर में कई तरह की परेशानियां जैसे – गठिया, डायबिटीज, एलर्जी और दिल की बीमारी हो सकती है (1)। ऐसे में सिंहपर्णी मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-एंजियोजेनिक (Anti-Angiogenic) यानि ट्यूमर रोकने, एंटीनोसिसेप्टिव (Antinociceptive) यानी दर्द कम करने के भी गुण मौजूद होते हैं (2) (3)।

इसके अलावा, इसमें पॉलीसैक्राइड (Polysaccharides) होते हैं। पॉलीसैक्राइड एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें भी एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इस कारण सूजन की समस्या से राहत मिल सकती है (4)। सिंहपर्णी के यही गुण शरीर में सूजन की समस्या से बचाव या उन्हें कम कर सकते हैं। हालांकि, यह कितना कारगर हो सकता है, इस बारे में अभी और शोध की जरूरत है। साथ ही आप इससे राहत पाने के लिए डॉक्टरी इलाज करा सकते हैं।

2. कैंसर से बचाव के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग पेट के कैंसर (कोलोरेक्टल- Colorectal Cancer) से बचाव कर सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की ओर से प्रकाशित एक मेडिलक रिसर्च में भी इसकी पुष्टि की गई है। इसके अलावा, एक अन्य शोध इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण की बात करता है (3)। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक दूसरे शोध में यह भी पाया गया है कि सिंहपर्णी का अर्क कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में उपयोगी हो सकता है। यह परीक्षण चूहों पर किया गया है (5)। इतना ही नहीं यह लिवर और अन्य प्रकार के कैंसर से भी बचाव कर सकता है। हालांकि, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (6) (7)।

3. मधुमेह के लिए सिंहपर्णी के गुण

सिंहपर्णी मधुमेह के रोगियों के लिए भी लाभकारी हो सकती है। दरअसल, सिंहपर्णी में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिंहपर्णी में एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक, एंटी-ऑक्सीडेटिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सिंहपर्णी को एक प्रमुख एंटी-डायबिटिक पौधा माना गया है। ऐसा सिंहपर्णी में मौजूद विभिन्न बायोएक्टिव घटकों जैसे – पॉलीफेनोलिक (Polyphenolics), सेस्क्वाटरपेनस (Sesquiterpenes), ट्राइटरपेनस (Triterpenes) और फाइटोस्टेरॉल्स (Phytosterols) गुणों के कारण होता है (8)।

इसके अलावा, सिंहपर्णी के एंटीडायबिटिक गुण मधुमेह के जोखिम से बचाव के साथ-साथ मधुमेह के मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं (3) (9)। हालांकि, इसके लिए अभी और सटीक शोध की आवश्यकता है।

4. हृदय के लिए सिंहपर्णी के फायदे

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध से इस बात का पता चला है कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक (फैट को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इसमें मौजूद गुण एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से सुरक्षा कर सकते हैं (10)। बता दें कि एथेरोस्क्लेरोसिस धमनियों (Arteries) से जुड़ी समस्या है, जिसमें धमनियों के अंदर प्लॉक जमने लगता है। धमनियों में जमने वाला प्लॉक आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकता है (11)।

नोट – ऊपर बताया गया शोध जानवरों (खरगोश) पर किया गया है। इसलिए, हृदय के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

5. वजन कम करने के लिए सिंहपर्णी के फायदे

मोटापे से बचाव के लिए सिंहपर्णी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में हाइपोलिपिडेमिक (फैट कम करने वाला) गुण पाया जाता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि शरीर का फैट कम करने में सिंहपर्णी एक अहम भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही इसमें क्लोरोजेनिक नामक एसिड (Chlorogenic acid) भी पाया जाता है, जो मोटापे को कम करने में सहायक हो सकता है (3)। वजन कम करने के लिए सिंहपर्णी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है (12)।

6. हड्डियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि शुरू से ही हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को आहार में शामिल किया जाए। यहां सिंहपर्णी का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, सिंहपर्णी में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है और यह सभी जानते हैं कि हड्डियों के लिए कैल्शियम कितना जरूरी है। हड्डियों के निर्माण से लेकर, उन्हें मजबूत बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसे हड्डी रोग से बचाए रखने के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है (13) (14)।

इसके अलावा, सिंहपर्णी में मौजूद टेरेक्सास्टेरॉल नामक तत्व (Taraxasterol) में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) से राहत दिला सकता है (15)। हालांकि, सिंहपर्णी किस हद तक हड्डियों के लिए लाभकारी हो सकता है, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. लिवर के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, सिंहपर्णी में हेपाटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) प्रभाव पाया जाता है, जो लिवर को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी बीमारियों से बचाव कर सकता है (3)।

8. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। यह ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और श्वास संबंधी संक्रमण से बचाव के लिए मददगार हो सकता है (3), लेकिन यह कैसे फायदेमंद है, इसके लिए अभी शोध की आवश्यकता है। सर्दी-जुकाम में भी घरेलू उपाय के तौर पर इसका उपयोग किया जा सकता है। साथ ही ध्यान रहे कि परेशानी अगर ज्यादा हो तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टर से जरूर करवाएं।

9. खून की कमी के लिए सिंहपर्णी के फायदे

अगर किसी व्यक्ति को एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या हो, तो वो सिंहपर्णी का उपयोग कर सकता है (3)। दरअसल, इसमें आयरन मौजूद होता है और आयरन की कमी एनीमिया के मुख्य कारणों में से एक है (13) (16) (17)। ऐसे में आयरन युक्त सिंहपर्णी का सेवन लाभकारी हो सकता है।

10. कोलेस्ट्रॉल के लिए सिंहपर्णी के फायदे

शरीर में अगर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो जाए, तो व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं (18)। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में कोलेस्ट्रॉल कम करने में सिंहपर्णी के फायदे देखे गए।

इस शोध में सबसे पहले खरगोशों को हाई कोलेस्ट्रॉल डाइट दी गई। फिर साथ ही उन्हें सिंहपर्णी का भी सेवन कराया गया। इसके सेवन से उनमें एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (HDL Cholesterol-अच्छे कोलेस्ट्रॉल) की वृद्धि हुई। इतना ही नहीं उनके एलडीएल (LDL Cholesterol-हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में कमी भी देखी गई। ऐसे में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सिंहपर्णी का हायपोलिपिडेमिक प्रभाव (Hypolipidemic) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। जिस कारण धमनी की बीमारी (Coronary Artery Disease) का जोखिम भी कम हो सकता है (19)। साथ ही ध्यान रहे कि यह शोध जानवरों पर किया गया है, इसलिए यह मनुष्यों पर कितना कारगर साबित होगा इसके लिए अभी सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

11. उच्च रक्तचाप के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग रक्तचाप के स्तर को कम करके हृदय स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है। दरअसल, इसमें पोटैशियम मौजूद होता है (13)। एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार, नियमित आहार में पोटैशियम को शामिल करने से रक्तचाप का स्तर कम होने में मदद मिल सकती है। साथ ही ध्यान रहे कि सिर्फ पोटैशियम के कारण ही यह संभव नहीं है। व्यक्ति को बेहतर प्रभाव के लिए आहार में सोडियम (नमक) की मात्रा को भी कम करना होगा (20)। हां, अगर किसी को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो वो इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करें।

12. त्वचा के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी के फायदे सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी है। खासतौर पर, सिंहपर्णी के पत्ते और फूल सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा का बचाव कर सकते हैं (21)। इतना ही नहीं वर्षों से इसका उपयोग एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जाता रहा है (22)। हालांकि, इसके उपयोग से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर करें। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति की त्वचा संबंधी परेशानी ज्यादा है, तो वो इसके उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से भी परामर्श जरूर कर ले।

आगे जानिए सिंहपर्णी में कौन से ऐसे पौष्टिक तत्व मौजूद हैं, जो इसे इतना लाभकारी बनाते हैं।

सिंहपर्णी के पौष्टिक तत्व – Singhparni Nutritional Value in Hindi

नीचे हम सिंहपर्णी में मौजूद पौष्टिक तत्वों की सूची शेयर कर रहे हैं (13)।

पौष्टिक तत्व प्रति 100 ग्राम
पानी  85.6 ग्राम
एनर्जी 45 केसीएएल
प्रोटीन  2.7 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)  0.7 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट, बाय डिफरेंस  9.2 ग्राम
फाइबर, टोटल डायटरी  3.5 ग्राम
शुगर 0.71 ग्राम
कैल्शियम 187 मिलीग्राम
आयरन  3.1 मिलीग्राम
मैग्नीशियम  36 मिलीग्राम
फास्फोरस 66 मिलीग्राम
पोटैशियम  397 मिलीग्राम
सोडियम  76 मिलीग्राम
जिंक  0.41 मिलीग्राम
कॉपर 0.171मिलीग्राम
मैंगनीज  0.342 मिलीग्राम
सेलेनियम  0.5 माइक्रोग्राम
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड  35 मिलीग्राम
थियामिन  0.19 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन  0.26 मिलीग्राम
नियासिन  0.806 मिलीग्राम
पैंटोथेनिक एसिड  0.084 मिलीग्राम
विटामिन बी-6  0.251 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल  27 माइक्रोग्राम
कोलिन, टोटल 35.3 मिलीग्राम
विटामिन ए, आरएई  508 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आईयू  10161 आईयू
लुटिन + जियाजैंथिन 13610 माइक्रोग्राम
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल)  3.44 मिलीग्राम
विटामिन के (फिलोक्विनोन)  778.4 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड  0.17 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.014 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.306 ग्राम

लेख के आगे के भाग में जानिये सिंहपर्णी का उपयोग करने के विभिन्न तरीके, जिससे सिंहपर्णी के गुण शरीर को ज्यादा से ज्यादा मिल सके।

सिंहपर्णी का उपयोग – How to Use Singhparni (Dandelion) in Hindi

नीचे हम सिंहपर्णी के उपयोग के कुछ तरीकों की जानकारी साझा कर रहे हैं।

  • इसे उपयोग करने का सबसे आसान तरीका है, इसे वेजिटेबल सलाद के साथ खाना। इसके लिए सब्जियों की सलाद में सिंहपर्णी की पत्तियां मिलाकर सेवन करें।
  • सिंहपर्णी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है। इसके टी बैग बाजार या ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
  • सिंहपर्णी को उबालने से इसकी कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। इसे उबालने के बाद इसे प्याज और लहसुन या सब्जियों के साथ पकाकर खा सकते हैं।
  • सिंहपर्णी के सप्लीमेंट का भी सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके पहले किसी विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह लें।

मात्रा अगर बात करें अगर मात्रा की, तो यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसलिए, इसके सेवन से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें।

आगे जानिए सिंहपर्णी के नुकसान के बारे में।

सिंहपर्णी से नुकसान – Side Effects of Singhparni (Dandelion) in Hindi

सिंहपर्णी के फायदे के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, सिंहपर्णी का उपयोग अगर ज्यादा किया जाए तो नीचे बताए जा रहे नुकसान हो सकते हैं –

  • अगर किसी व्यक्ति का शरीर संवेदनशील है, तो उसे इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है। फिलहाल, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को फूड एलर्जी है, तो बेहतर है कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाए।
  • अगर किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या है, तो वो इसका सेवन न करें। इसके अधिक सेवन से किडनी की समस्या हो सकती है (23)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।

सिंहपर्णी के फायदे जानने के बाद कई लोग इसका उपयोग करना चाहेंगे, लेकिन ध्यान रहे कि सिंहपर्णी का उपयोग सिर्फ शारीरिक समस्या के प्रभाव को कम कर सकते हैं। यह किसी भी बीमारी का सटीक उपचार नहीं है। अगर बीमारी गंभीर है, तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टरी इलाज कराने में ही भलाई है। इसके अलावा, अगर आपके पास सिंहपर्णी से संबंधित कोई सवाल है, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर हम तक जरूर पहुंचाएं।

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बवासीर (पाइल्स) के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Piles (Hemorrhoids) Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi

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बवासीर के बारे में अक्सर लोग खुलकर बात नहीं करते। उन्हें यह बीमारी शर्मिंदगी का कारण लगती है। वहीं, कई लोगों को लगता है कि बवासीर होने की वजह साफ-सफाई का ख्याल न रखना है, जबकि ऐसा नहीं है। यह बीमारी कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से उत्पन्न हो सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विस्तार से बवासीर के बारे में बताएंगे। यहां आपको बवासीर के कारण, लक्षण और बवासीर का उपचार संबंधी आवश्यक जानकारी मिलेगी। लेख में बताए जाने वाले घरेलू नुस्खे इस समस्या से उबरने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बवासीर के सटीक इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है।

आगे बढ़ने से पहले चलिए जान लेते हैं कि बवासीर कहते किसे हैं।

बवासीर क्या है? – What are Piles in Hindi

बवासीर जिसे हेमोर्रोइड्स (Hemorrhoids) भी कहा जाता है। ये रक्त वाहिकाओं से भरे ऊतक (Tissue) होते हैं, जो गुदा (एनस) के अदंर और मलाशय (रेक्टम) के अंत में मौजूद होते हैं। यह मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वहीं, बवासीर होने के बारे में बात की जाए, तो इसका मतलब होता है इन ऊतकों में सूजन होना, जिसकी वजह से ये बढ़ जाते हैं (1)। ऊतकों का इस प्रकार बढ़ना बवासीर के लक्षणों के रूप में कई दर्दनाक स्थितियों को जन्म देता है, जिनके बारे में आगे बताया गया है।

आइए, अब बवासीर के प्रकार पर एक नजर डाल लेते हैं। आगे हम पाइल्स का घरेलू उपचार भी बताएंगे, जिससे बवासीर के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है।

बवासीर के प्रकार – Types of Piles (Hemorrhoids) in Hindi

बवासीर दो प्रकार के होते हैं। एक वो जो गुदे के अंदर होता और दूसरा वो जो गुदे के बाहर होता है। चलिए, इनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं (2) (3)

  1. आंतरिक बवासीर (इंटरनल हेमोर्रोइड्स) : यह मलाशय (रेक्टम) के शुरुआत में और गुदा (एनस) के अंदर होता है। जब यहां ऊतक बड़े हो जाते हैं, तो ये बाहर निकल सकते हैं, जिसे प्रोलैप्स (Prolapse) कहा जाता है। आंतरिक बवासीर के दौरान सबसे आम समस्या मल त्याग के दौरान खून का बहना है।

आंतरिक बवासीर को आगे उनकी उपस्थिति और प्रोलैप्स की डिग्री के आधार पर कुछ इस तरह वर्गीकृत किया गया है :

  • ग्रेड-1: नॉन-प्रोलैप्सिंग बवासीर
  • ग्रेड-2: प्रोलैप्सिंग बवासीर (मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ऊतक का निकलना और फिर वापस जाना)
  • ग्रेड-3: प्रोलैप्सिंग बवासीर जिसमें सर्जरी की जरूरत पड़ती हो।
  • ग्रेड-4: नॉन-रिड्यूसबल प्रोलैप्सिंग बवासीर, जिसमें एक्यूट थ्रोम्बोस्ड (बढ़ हुई बवासीर, जिसमें बहुत सूजन और रक्त बहता है। साथ ही आगे चलकर रक्त के थक्के बनने लगता है), इंकार्सिरेटेड बवासीर (दर्दनाक और जलन पैदा करने वाली बवासीर) शामिल हैं।
  1. बाहरी बवासीर (एक्सटर्नल हेमोर्रोइड्स) : यह समस्या गुदा के बाहर होती है। इस पाइल्स के दौरान मल त्याग करने के बाद बवासीर प्रभावित हिस्से को साफ करने में कठिनाई हो सकती है। साथ ही अगर इस पाइल्स के दौरान बाहर रक्त का थक्का बन जाता है, तो यह बहुत दर्दनाक होता है। इसे थ्रोम्बोस्ड एक्सटर्नल हेमोर्रोइड्स कहा जाता है।

बवासीर के प्रकार के बाद आगे हम पाइल्स के कारण और जोखिम कारक के बारे में बता रहे हैं।

बवासीर (पाइल्स) के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Piles in Hindi

बवासीर व पाइल्स के कारण और जोखिम कारक क्या हो सकते हैं, यह हम आपको नीचे बता रहे हैं (2) (3) (4) (5):  

  • कब्ज
  • गर्भावस्था
  • मल त्याग के दौरान ज्यादा जोर लगाना।
  • अक्सर भारी वस्तुओं को उठाना।
  • लंबे समय तक बैठे रहना, खासकर शौचालय में।
  • कुछ बीमारियां, जैसे सिरोसिस (लिवर संबंधी बीमारी)
  • कम फाइबर वाले आहार का सेवन।
  • गुदा और मलाशय के ऊतकों का कमजोर होना, जो उम्र बढ़ने के साथ होता है।
  • बढ़ती उम्र।
  • मोटापा।

बवासीर के घरेलू उपचार से पहले इसके लक्षण पर एक नजर डाल लेते हैं।

बवासीर के लक्षण – Symptoms of Piles in Hindi 

माना जाता है कि बवासीर की समस्या अधिक कष्टदायक नहीं होती है, लेकिन अगर रक्त का थक्का बन जाता है, तो इनकी वजह से बहुत ज्यादा दर्द हो सकता है। नीचे हम आपको बवासीर की कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बता रहे हैं (3)

  • मलाशय से रक्त निकलना
  • गुदा (Anus) में खुजली
  • गुदा में दर्द होना, खासकर बैठते वक्त
  • मल त्याग के दौरान दर्द होना
  • गुदा के पास एक या उससे अधिक कठोर गांठ का बनना।

अब हम विस्तार से बवासीर के घरेलू उपाय के बारे में बात करेंगे। इसके बाद बवासीर का इलाज कैसे होता है, इसकी जानकारी भी देंगे।

बवासीर के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Piles (Bawaseer) in Hindi

नीचे हम आपको बवासीर के घरेलू उपाय बता रहे हैं, लेकिन इन उपचार को करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको इनमें से किसी भी सामग्री से एलर्जी तो नहीं है। एक बार पैच टेस्ट करके देखा जा सकता है कि कहीं इसकी वजह से त्वचा में जलन या कुछ अन्य दुष्प्रभाव तो नजर नहीं आ रहे हैं।

1. सिट्ज बाथ (Sitz Bath)

सामग्री:
  • एक बाथ टब
  • गुनगुना पानी  
उपयोग का तरीका:
  • बाथ टब में लगभग तीन से चार इंच गुनगुना पानी डालें।
  • अब पाइल्स प्रभावित हिस्से को इसमें 10 से 15 मिनट के लिए डूबों कर रखें।
  • ध्यान रहे कि पानी में बाथ सोप, बबल बाथ या ऐसा कोई भी प्रोडक्ट न डालें।
  • दिन में दो से तीन बार इस उपाय को किया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

सिट्ज बाथ एक प्रकार की थेरेपी है, जो गर्म पानी में एनस (गुदा) को डुबोकर की जाती है। माना जाता है कि इस बाथ के दौरान पाइल्स की वजह से होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही पाइल्स के इलाज से संबंधित प्रक्रिया के बाद भी सिट्ज बाथ लेने की सलाह दी जाती है (3) (6)

2. विच हेजल (Witch Hazel)

सामग्री:
  • विच हेजल वॉटर
  • रूई (जितनी जरूरत हो)
उपयोग का तरीका:
  • रूई को विच हेजल के पानी में भिगोएं।
  • अब इसे अपने गुदा क्षेत्र पर कुछ मिनटों के लिए रखें।
  • दिन में तीन से चार यह उपाय किया जा सकता है।  
कैसे लाभदायक है:

विच हेजल में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण की वजह से इसका उपयोग पाइल्स की वजह से होने वाली जलन और सूजन से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं कि यह बवासीर के लक्षण को कम करने में फायदा करता है या नहीं। बवासीर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल होने वाली क्रीम में भी विच हेजल का इस्तेमाल किया जा सकता है (7) (8)

3. टी ट्री ऑयल

सामग्री: 
  • टी ट्री ऑयल की 2-3 बूंदें
  • एक चम्मच जैतून का तेल
उपयोग का तरीका:
  • टी ट्री ऑयल को जैतून के तेल में डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • अब इस मिश्रण में रूई को डुबोकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
कैसे लाभदायक है:

टी ट्री ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम करने के साथ ही दर्द से भी राहत दिला सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी मौजूद होते हैं, जो पाइल्स के तीव्र लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, टी-ट्री ऑयल में रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं, जो संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं (9) (10)। एक शुरुआती अध्ययन में यह भी पाया गया है कि टी ट्री ऑयल और हाइलूरोनिक (Hyaluronic) एसिड से बना जेल बवासीर का इलाज करने में प्रभावी हो सकता है (11)

4. एलोवेरा

सामग्री:
  • एलोवेरा जेल (आवश्यकतानुसार)   
उपयोग का तरीका:
  • एलोवेरा जेल को निकालकर बवासीर वाले हिस्से पर लगाएं।
  • 10 से 15 मिनट के लिए जेल को लगे रहने दें।
  • आप चाहें तो सुबह खाली पेट एक कप एलोवेरा जूस पी भी सकते हैं।
  • ऐसा रोजाना एक से दो बार किया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

एलोवेरा में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और दर्द को दूर करने में लाभदायक हो सकते हैं (12)। हालांकि, बवासीर के लिए एलोवेरा जेल के इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त शोध उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर  बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन) ने एलोवेरा के टॉपिकल (त्वचा पर) इस्तेमाल को सुरक्षित बताया है (13)एलोवेरा का इस्तेमाल बवासीर की क्रीम में भी किया जा सकता है (14)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, एलोवेरा क्रीम को पाइल्स के ऑपरेशन के बाद होने वाले दर्द को ठीक करने में भी मदद किया जा सकता है (15)

5. नारियल तेल

सामग्री:
  • वर्जिन नारियल का तेल (आवश्कतानुसार)  
उपयोग का तरीका:
  • साफ उंगलियों का उपयोग करते हुए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल तेल लगाएं।
  • इसे दो से तीन बार लगाएं जब तक कि दर्द या गांठ गायब न हो जाएं।
कैसे लाभदायक है:

नारियल के तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। यह दोनों गुण पाइल्स के दर्द को ठीक करने के साथ ही सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (16)। इसके अलावा, नारियल के तेल में एंटीमाइक्रोबियल एजेंट भी मौजूद होते हैं, जो बैक्टिरिया को मारने और उन्हें पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं (17)। नारियल का तेल पाइल्स में लाभकारी हो सकता है या नहीं इसको लेकर अभी शोध की आवश्यकता है।

6. लहसुन

सामग्री:
  • तीन से चार लहसुन की कलियां
  • एक कप पानी
उपयोग का तरीका:
  • बाहरी बवासीर के लिए लहसुन की कलियां छीलकर 10 मिनट पानी में उबालें।
  • पानी को फ्रिज में रखें और ठंडा करें। इस पानी में रूई के टुकड़े को भिगोकर गुदा पर 10 से 15 मिनट के लिए रखें।
  • आंतरिक बवासीर के लिए एक लहसुन की कली को छीलकर कुचल लें। अब इसे मलाशय के अंदर रखकर रात भर के लिए छोड़ दें।
कैसे लाभदायक है:

माना जाता है कि लहसुन का इस्तेमाल बवासीर से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (18)। दरअसल, लहसुन में मौजूद एलिसिन (Allicin) नामक कंपाउंड में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं। ये गुण बवासीर के कुछ लक्षण जैसे सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बैक्टीरिया को पनपने से रोक सकते हैं। इसके अलावा, लहसुन में एंटीथ्रॉम्बोटिक (Antithrombotic) गुण भी पाए जाते हैं, जो पाइल्स की वजह से बनने वाले ब्लड क्लोट को होने रोक सकते हैं (19)। फिलहाल, बवासीर में लहसुन के लाभ को लेकर पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं। बवासीर का घरेलू उपाय करने से पहले पैच टेस्ट कर लेना जरूरी है।

7. जात्यादि तेल (Jatyadi Oil)

सामग्री:
  • 5-6 बूंदें जात्यादि तेल
  • गुनगुना पानी
  • एक बाथ टब
उपयोग का तरीका:
  • एक-चौथाई बाथटब को गुनगुने पानी से भरें।
  • अब उसमें जात्यादि का तेल डालें।
  • पांच से छह मिनट इसमें प्रभावित हिस्से को भिगोएं।
कैसे लाभदायक है:

बवासीर और गुदा संबंधी परेशानी से राहत पाने के लिए अक्सर आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर जात्यादि तेल का इस्तेमाल किया जाता है। यह बवासीर की वजह से होने वाली आंतरिक रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें घाव भरने के गुण भी मौजूद होते हैं, जो पाइल्स का इलाज होने के बाद घाव भरने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह बवासीर की वजह से होने वाले घाव को भरने और उन्हें विकसित होने से रोक सकता है (20)

8. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ

बवासीर के दौरान होने वाली मुख्य समस्याओं में से एक है मल निकासी में होने वाली समस्या। स्टूल पास न होने वाली मुश्किल की वजह से रक्तस्राव भी होने लग जाता है। ऐसे में भोजन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर को शामिल करना जरूरी हो जाता है। फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से कब्ज की वजह से होने वाले बवासीर से थोड़ी राहत मिल सकती है। इसलिए, बवासीर के कारण होने वाली परेशानियों व समस्याओं से बचने के लिए एक दिन में करीब 30 से 35 ग्राम फाइबर का सेवन करना उचित माना जाता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ में सब्जियां, फल और साबुत अनाज लिया जा सकता है (21)

9. टी बैग्स

सामग्री:
  • एक से दो टी बैग
  • एक कप गर्म पानी
उपयोग का तरीका:
  • टी बैग को कुछ मिनटों के लिए एक कप गर्म पानी में भिगोएं।
  • अब इसे गर्म पानी से निकालकर चाय को गुनगुना होने दें।
  • फिर रूई के टुकड़े की मदद से इस चाय को प्रभावित हिस्से पर पांच से 10 मिनट के लिए लगाएं।
  • वैकल्पिक रूप से, कुछ मिनट के लिए टी बैग को फ्रिज में रखकर ठंडा करें।
  • अब इसे गुदा पर रख लें।
  • इस प्रक्रिया को रोजाना दो से तीन बार दोहराया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

माना जाता है कि टी-बैग को गुदाद्वार पर रखने से खुजली और दर्द से थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में कैमोमाइल को सूजन कम करने में लाभदायक पाया गया है (22)। ऐसे में पाइल्स से पीड़ित व्यक्ति इसके टी-बैग, पेस्ट और चाय का इस्तेमाल बवासीर से राहत पाने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं।

10. काले बीज का तेल

सामग्री:
  • आधा चम्मच काले बीज का तेल
  • 1 चम्मच सिरका
उपयोग का तरीका:
  • सिरके में काले बीज का तेल डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • अब इसे बवासीर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  • कब्ज के लिए (जो कि बवासीर का कारण है) एक कप काली चाय में आधा चम्मच काले बीज का तेल मिलाकर पी लें।
  • काढ़े को (तेल के साथ) दिन में दो बार पिया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:

काले बीज के तेल में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये गुण पाइल्स के लक्षणों जैसे- सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं (23)। कलौंजी के तेल के साथ ही तिल के तेल को भी दोनों तरह के पाइल्स के लिए अच्छा माना जाता है (24)। बवासीर का घरेलू उपाय करने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पाइल्स के लक्षण कुछ हद तक कम हो सकते हैं।

11. ग्रीन टी

सामग्री:
  • एक से दो ग्रीन टी के बैग
  • एक कप गर्म पानी
  • 1/2 चम्मच शहद
  • 1/2 चम्मच नींबू का रस
उपयोग का तरीका:
  • ग्रीन टी बैग को एक-दो मिनट के लिए गर्म पानी में डालकर रखें।
  • अब टी बैग निकालकर इसमें शहद और नींबू मिलाएं।
  • आप दिन में दो से तीन बार पाइल्स प्रभावित क्षेत्र को इससे धो सकते हैं।
  • ग्रीन टी को शहद और नींबू के बिना भी उपयोग में लाया जा सकता है।
  • इसके अलावा, आप इस्तेमाल किए गए टी बैग को प्रभावित क्षेत्र पर कुछ मिनटों के लिए रख सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:

बवासीर के लक्षण से राहत पाने में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को लाभदायक माना जाता है (25)। ग्रीन टी में ये दोनों गुण मौजूद होते हैं (26)। इसलिए, कहा जा सकता है कि ये गुण बवासीर के कुछ लक्षणों जैसे सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, ग्रीन टी का इस्तेमाल पाइल्स में कितना लाभकारी हो सकता है, इसको लेकर कोई शोध मौजूद नहीं हैं।

बवासीर के लिए घरेलू उपाय के बाद हम पाइल्स के इलाज के बारे में बता रहे हैं।

बवासीर (पाइल्स) का इलाज – Treatment of Piles (Hemorrhoids) in Hindi

बवासीर के उपचार में शामिल हैं (3):

  • ओवर-द-काउंटर कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) जैसे, कोर्टिसोन। यह क्रीम दर्द और सूजन को कम करने के लिए दी जाती है।
  • लिडोकाइन (Lidocaine), दर्द को कम करने के लिए।
  • स्टूल सॉफ्टनर

चिकित्सक प्रक्रियाओं में निम्नलिखित उपचार शामिल हैं (27):

  • रबर बैंड लिगेशन (Rubber band ligation) : आंतरिक बवासीर का इलाज के लिए डॉक्टर इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं। आंतरिक बवासीर में रक्तस्राव और प्रोलैप्सिंगजैसी समस्या होती है। इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर एक रबर बैंड पाइल्स के चारों ओर लगा देते हैं। यह बैंड रक्त की आपूर्ति को बंद कर देता है। इसकी मदद से रबर बैंड लगा हुआ हिस्सा करीबन एक हफ्ते में अलग हो जाता है। इस प्रक्रिया को खुद से करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
  • स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy) : इस थेरेपी के दौरान डॉक्टर आंतरिक बवासीर के इलाज के लिए एक घोल को इंजेक्ट करते हैं, जिससे अक्सर बवासीर वाला हिस्सा सिकुड़ जाता है।
  • इन्फ्रारेड फोटोकोगुलेशन (Infrared photocoagulation) : इस दौरान डॉक्टर एक ऐसे उपकरण का उपयोग करते हैं, जो सीधे आंतरिक बवासीर में इन्फ्रारेड लाइट डालता है। इसकी मदद से भी बवासीर वाली जगह सिकुड़ जाती है।
  • इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन (Electrocoagulation) : डॉक्टर इस दौरान एक उपकरण का उपयोग करके आंतरिक बवासीर में एक विद्युत प्रवाह भेजते हैं। विद्युत प्रवाह के कारण पाइल्स वाला हिस्सा सिकुड़ जाता है। 
  • हेमराहाइडेक्टोमी (Hemorrhoidectomy) : यह बवासीर की सर्जरी होती है, जिसे आंतरिक बवासीर के ऊतक को और प्रौलेप्सिंग को निकालने के लिए किया जाता है। यह तभी किया जाता है, जब दवाओं का असर बवासीर पर नहीं होता है। डॉक्टर इस उपचार से पहले मरीज को सर्जरी के दौरान बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया देते हैं।

बवासीर का इलाज जानने के साथ ही इससे बचने के तरीकों के बारे में जान लेना भी जरूरी है। नीचे, हम बवासीर से बचाव करने के कुछ टिप्स बता रहे हैं।

बवासीर से बचाव  – Prevention Tips for Piles in Hindi

कब्ज की समस्या से दूर रहते हुए बवासीर से बचा जा सकता है। इसके लिए नीचे दिए गए टिप्स को आजमा सकते हैं (4) (28)

  • तरल पदार्थ का खूब सेवन करें।
  • फाइबर युक्त फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • स्टूल सॉफ्टनर का उपयोग करें।
  • फाइबर सप्लीमेंट लें।
  • कब्ज को रोकने के लिए एक्सरसाइज करें।

लेख में हम बवासीर के लक्षण, कारण के बारे में बता चुके हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बवासीर का उपचार घर में भी किया जा सकता है, जो बवासीर के लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन संपूर्ण इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना उचित रहेगा। साथ ही समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हां, बवासीर के घरेलू उपचार इससे कुछ हद तक राहत दिलाने में मदद जरूर कर सकते हैं। बवासीर की रोकथाम और इसके लक्षण को कम करने के लिए लेख में दिए गए बचाव के उपाय की सहायता ली जा सकती है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बवासीर के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

नीचे हम बवासीर होने के बाद कौन से खाद्य पदार्थ को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए यह बता रहे हैं (29):

बवासीर में क्या खाना चाहिए?

पाइल्स होने पर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। फाइबर से भरपूर फल, सब्जी और अनाज कुछ इस प्रकार हैं:

    • गेहूं से बने खाद्य पदार्थ
    • नाशपाती
    • सेब
    • रसभरी
    • सूखा आलूबुखारा
    • हरी मटर
    • शकरकंद
    • राजमा

क्या नहीं खाना चाहिए?

अगर बवासीर पुरानी कब्ज के कारण हुई है, तो ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचें, जिनमें बहुत कम या बिल्कुल भी फाइबर न हो। नीचे हम आपको बता रहे हैं किन खाद्य पदार्थों से आपको बचना चाहिए:

      • पनीर
      • चिप्स
      • फास्ट फूड
      • आइसक्रीम
      • मांस
      • पहले से तैयार खाद्य पदार्थ जैसे फ्रोजन (Frozon) फूड और स्नैक्स
      • प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, जैसे कि हॉट डॉग और माइक्रोवेव में बनने व गर्म किए जाने वाले खाद्य पदार्थ (पास्ता, पिज्जा या मैक्रोनी)।

बवासीर से राहत पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ योगासन कौन से हैं?

नियमित रूप से योगाभ्यास करने से बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। बवासीर (पाइल्स) से राहत पाने के लिए दैनिक रूप से इन योगासनों को किया जा सकता है (30) (31) (32) :

        • भुजंगासन (Cobra Pose)
        • धनुरासन (Bow pose)
        • मत्स्यासन (Fish Pose)
        • वज्रासन
        • सर्वांगासन

क्या बवासीर से पीड़ा होती है?

हां, बवासीर की वजह से पीड़ा हो सकती। विशेष रूप से तब जब मल निकासी की कोशिश की जाती है। ज्यादा जोर लगाने पर खून निकलने के साथ ही दर्द हो सकता है (5)

क्या बवासीर के कारण पेट में ऐंठन हो सकती है?

बवासीर में कुछ मरीज पेट में दर्द या ऐंठन महसूस कर करते हैं। ऐसा कब्ज के कारण हो सकता है।

संबंधित आलेख

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घर पर बनाये एंटी एजिंग फेस पैक – Homemade Anti-Aging Face Masks in Hindi

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एक तय उम्र के बाद चेहरे पर झुर्रियां और महीन रेखाएं दिखने लगती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के एंटी एजिंग उत्पादों का प्रयोग शुरू कर देते हैं। बाजार में मिलने वाले कई एंटी एजिंग उत्पाद रसायन युक्त होते हैं, जिनसे त्वचा को भारी क्षति भी पहुंच सकती है। ऐसे में घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का सहारा लिया जा सकता है। ये एंटी एजिंग फेस पैक प्राकृतिक सामग्री से बनने के कारण त्वचा के लिए लाभकारी हो सकते हैं। हमारे साथ स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानिए 15 तरह के एंटी एजिंग फेस मास्क और इन्हें घर पर बनाने की आसान विधि। इसके अलावा, लेख में आप एंटी एजिंग फेस पैक से संबंधित जरूरी टिप्स भी जान पाएंगे।

आइए, क्रमवार तरीके से जानिए त्वचा के लिए कारगर एंटी एजिंग फेस पैक के बारे में।

घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक – Homemade Anti-Aging Face Masks in Hindi

1. नारियल तेल फेस मास्क

सामग्री :
  • एक चम्मच नारियल तेल
  • आधा चम्मच अनार के बीज का तेल
  • रूई
विधि :
  • अपने चेहरे को साफ पानी से धोकर तौलिये से साफ कर लें।
  • अब एक बाउल में दोनों तेलों को मिलाकर इसे रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं।
  • इस पैक को लगभग एक घंटे तक चेहरे पर लगा रहने दें।
  • अंत में फेसवॉश की मदद चेहरा धो लें।
  • इस पैक को रोजाना उपयोग किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

यूवी रेडिएशन की वजह से त्वचा में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज बढ़ जाते हैं। ये एक प्रकार के फ्री रेडिकल्स होते हैं, जिनकी वजह से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है (1)। इनकी वजह से स्कीन कैंसर हो सकता है और त्वचा पर इन्फ्लेमेशन के साथ बढ़ती उम्र के लक्षण भी दिखने लग सकते हैं। इन फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा के लिए नारियल के तेल का उपयोग किया जा सकता है। नारियल का तेल त्वचा को यूवी रेडिएशन के प्रभाव से बचा सकता है, साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा को इन्फ्लेमेशन से बचा सकते हैं (2)। इसके अलावा, अनार का तेल यूवी किरणों के प्रभाव को कम करके फोटोएजिंग को कम करने में मदद कर सकता है (3)। इस प्रकार नारियल के तेल का उपयोग एंटी एजिंग फेस पैक बनाने में किया जा सकता है।

2. बेंटोनाइट क्ले फेस मास्क

सामग्री :
  • 2 चम्मच बेंटोनाइट क्ले
  • गुलाब के तेल की कुछ बूंदें
  • चार-पांच चम्मच पानी
विधि :
  • बेंटोनाइट क्ले से एंटी एजिंग फेस पैक बनाने के लिए एक बाउल में सभी सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • फिर चेहरे को पानी से धो लें और बाद में तौलिये से साफ कर लें।
  • अब बने हुए पेस्ट को चेहरे और गले पर अच्छी तरह लगाएं।
  • लगभग 10-15 मिनट सूखने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
  • इस पैक का उपयोग हफ्ते में दो बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

त्वचा पर सूरज की यूवी किरणों का प्रभाव लगातार पड़ता रहता है। इसके चलते समय से पहले बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे इलास्टिसिटी कम होना, झुर्रियां दिखना और फोटोएजिंग की समस्या हो सकती है (4)। ऐसे में एंटी एजिंग के लिए फेस पैक बनाने के लिए बेंटोनाइट क्ले का उपयोग किया जा सकता है। बेंटोनाइट क्ले का उपयोग सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन बनाने में किया जाता है। ईरानियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक शोध में पाया गया है कि त्वचा पर यूवी लाइट का प्रभाव कम करने में बेंटोनाइट क्ले सबसे प्रभावी साबित हुई है। इस शोध में यह भी पाया गया है कि जिन सनस्क्रीन में बेंटोनाइट क्ले मौजूद होती है, वह अन्य सन लोशन से ज्यादा प्रभावशाली होती हैं (5)।

3. एवोकाडो फेस माक्स

सामग्री :
  • पका हुआ आधा एवोकाडो
  • एक बड़ा चम्मच ओट्स
विधि :
  • एक बाउल में एवोकाडो का गूदा निकालें और उसे मैश करके ओट्स मिला दें।
  • अब इस पैक को चेहरे पर लगाएं और 10-20 मिनट के लिए सूखने दें।
  • एक बार पैक अच्छी तरह से सूख जाए, तो चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
  • इस पैक का उपयोग हफ्ते में दो से तीन बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

एवोकाडो में लिनोलिक नाम का एसिड पाया जाता है। लिनोलिक एसिड, त्वचा में नमी और स्किन एट्रोफी (त्वचा का ढीला हो जाना) जैसे एजिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है (6)। वहीं, दूसरी ओर एवोकाडो का तेल भी एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार एवोकाडो का तेल कोलेजन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे त्वचा की इलास्टिसिटी को बनाए रखने में मदद मिल सकती है (7)। एक अन्य शोध के अनुसार ये फायदे एवोकाडो और इसके तेल के सेवन के बाद भी मिल सकते हैं। एंटी एजिंग फेस पैक के तौर पर यह कितना कारगर होगा, फिलहाल इस पर वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव है।

4. केले का फेस पैक

सामग्री :
  • एक पका हुआ केला
  • दो चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • केले से एंटी एजिंग फेस पैक बनाने के लिए एक बाउल में पके हुए केले को अच्छी तरह मैश कर लें।
  • अब इसमें दो चम्मच गुलाब जल मिलाएं।
  • इस पैक को अच्छी तरह चेहरे व गले पर लगाएं और 20-25 मिनट तक सूखने दें।
  • पैक के अच्छी तरह सूख जाने के बाद, चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस पैक का उपयोग हफ्ते में तीन बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

केले का फल विटामिन-सी और विटामिन-ए से समृद्ध होता है (8)। त्वचा पर एंटीएजिंग प्रभाव डालने में ये दोनों ही विटामिन बहुत लाभदायक माने जाते हैं। विटामिन-सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है और झुर्रियों को कम करने में लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं विटामिन-ए एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जिससे त्वचा पर यूवी किरणों का प्रभाव कम करने में मिल सकती है। इनके प्रभाव से त्वचा पर उम्र से पहले झुर्रियां, महीन रेखाएं, इलास्टिसिटी और पिगमेंटेशन जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है (9)।

5. चावल के पानी का फेस मास्क

सामग्री :
  • आधा कप ब्राउन राइस
  • एक कप पानी
  • फेशियल पेपर टॉवल
विधि :
  • एक कप पानी में आधा कप ब्राउन राइस एक घंटे के लिए भिगो कर रख दें।
  • एक घंटे बाद पानी को छान लें।
  • अब फेशियल पेपर टॉवल को लगभग 5-6 मिनट के लिए चावल के पानी में भिगो लें।
  • ध्यान रखें कि पेपर टॉवल पानी में गल न जाएं।
  • अब पेपर टॉवल को पानी से निकाल कर हल्का-सा निचोड़ लें और चेहरे पर लगाएं।
  • पेपर टॉवल को लगभग 20-25 मिनट तक चेहरे पर लगे रहने दें।
  • अंत में टॉवल हटा कर साफ पानी से चेहरा धो लें।
  • चावल के पानी से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

ब्राउन राइस खाने के फायदे तो कई सारे हैं, लेकिन इसका पानी त्वचा पर एंटी-एजिंग एजेंट की तरह काम कर सकता है। दरअसल, ब्राउन राइस में नियासिन नाम का एक विटामिन पाया जाता है, जो अपने एंटीएजिंग गुणों के लिए जाना जाता है (10)। नियासिन झुर्रियों, पिगमेंटेशन और ढीली त्वचा के साथ-साथ मुंहासों और यूवी प्रभाव के कारण स्कीन कैंसर को बढ़ने से रोकने में भी लाभदायक हो सकता है (11)।

6. कॉफी फेस मास्क

सामग्री :
  • एक चम्मच कॉफी
  • एक चम्मच कोको
  • एक चम्मच नारियल का तेल
विधि :
  • कॉफी की मदद से एंटी एजिंग फेस मास्क घर में बनाने के लिए बताई गई सारी सामग्रियों को एक बाउल में मिला लें और पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे व गले पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अच्छी तरह सूख जाने के बाद हाथों को हल्का-सा गीला करें और चेहरे पर गोलाकार में घुमाएं।
  • इस तरह हाथों को गोल-गोल घुमाते हुए चेहरे को दो से तीन मिनट तक स्क्रब करें।
  • आखिरी में चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग फेस पैक को हफ्ते में दो से तीन बार उपयोग किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

जैसा कि हमने बताया कि यूवी रेडिएशन त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने का एक बड़ा कारण हो सकता है। ऐसे में कॉफी से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग करने से फायदा मिल सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि कैफीन एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट को रूप में त्वचा की कोशिकाओं को यूवी रेडिएशन के प्रभाव से बचा सकता और फोटोएजिंग को कम करने में मदद कर सकता है (12)।

इसके साथ कोको का उपयोग करने से इस पैक के फायदे दोगुने हो सकते हैं। कोको में मौजूद पॉलीफिनोल भी त्वचा पर यूवी किरणों के प्रभाव को कम करके फोटोएजिंग प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। कोको त्वचा पर प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और फोटो प्रोटेक्टिव एजेंट की तरह काम कर सकता है, जिसकी मदद से बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है (13)।

7. सीवीड फेस मास्क

सामग्री :
  • एक चम्मच सीवीड पाउडर
  • दो चम्मच गुनगुना पानी
विधि :
  • सीवीड की मदद से एंटी एजिंग के लिए फेस पैक बनाने के लिए एक बाउल में दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह लगाएं और 15-20 सूखने के लिए छोड़ दें।
  • अच्छी तरह सूख जाने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग हफ्ते में तीन से चार बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

सीवीड को मरीन एल्गी भी कहा जाता है (14)। इनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स का उपयोग कई प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद जैसे सनस्क्रीन बनाने में किया जाता है। इनमें एंटीएजिंग गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को यूवी रेडिएशन, इन्फ्लेमेशन और बढ़ती उम्र के प्रभाव से बचाते हैं (15)।

8. हल्दी फेस पैक

 सामग्री :
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • दो चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • एक बाउल में हल्दी और गुलाब जल को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • हल्दी और गुलाब जल से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग हर दूसरे दिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

हल्दी में एक करक्यूमिन नाम का कंपाउंड पाया जाता है, जिसका उपयोग एक प्रभावी एंटी एजिंग एजेंट की तरह किया जा सकता है। यह त्वचा को रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (फ्री रेडिकल्स) की वजह से होने वाली क्षति से बचा सकता है (1)। यह प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके त्वचा में बढ़ती उम्र की दर को कम करने में मदद कर सकता है (16)।

9. खीरे का फेस पैक 

सामग्री :
  • आधा खीरा (कद्दूकस)
  • एक चम्मच नींबू का रस
विधि :
  • एंटी एजिंग फेस पैक घर में बनाने के लिए एक बाउल में कद्दूकस किया हुआ आधा खीरा लें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिला लें।
  • इस पैक को चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगे रहने दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से साफ कर लें।
  • इस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि फ्री रेडिकल्स और यूवी किरणों का प्रभाव त्वचा पर एजिंग के लक्षण दिखने की वजह बन सकते हैं। इनसे आराम पाने के लिए खीरे का उपयोग किया जा सकता है। खीरा प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है (17)। इसके अलावा, खीरा त्वचा से विषाक्त पदार्थों को निकाल कर उसे साफ करने और ठंडक पहुंचाने का काम भी कर सकता है और त्वचा पर जलन या सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (18)।

10. आलू-गाजर फेस पैक

सामग्री :
  • एक मध्यम आकार का आलू
  • एक मध्यम आकार की गाजर
  • एक बड़ा चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • आलू और गाजर को छीलकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
  • अब गुलाब जल के साथ टुकड़ों को ब्लेंडर में डालकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से धो लें और तौलिए से थपथपा कर पोंछ लें।
  • इस एंटीएजिंग फेस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

आलू और गाजर से बना एंटी एजिंग फेस पैक बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने का काम कर सकता है। दरअसल, आलू और गाजर में विटामिन-सी पाया जाता है। साथ ही गाजर में विटामिन-ए भी पाया जाता है (19) (20)। विटामिन-ए और विटामिन-सी प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये दोनों ही विटामिन त्वचा को यूवी रेडिएशन के प्रभाव और फोटोएजिंग से बचाने का काम कर सकते हैं। विटामिन-ए त्वचा में कोलेजन को भी बढ़ाता है, जिससे त्वचा की इलास्टिसिटी बनी रहती है (9)। इस प्रकार आलू और गाजर की मदद से एंटी एजिंग फेस मास्क घर पर बना सकते हैं।

11. एलोवेरा फेस पैक 

सामग्री :
  • दो चम्मच एलोवेरा जेल
  • आधा छोटा चम्मच नींबू का रस
विधि :
  • एक बाउल में दोनों सामग्री को अच्छी तरह मिला लें।
  • अब इस पैक को चेहरे पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से धोकर साफ कर लें।
  • इस पैक का उपयोग रोज किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

एलोवेरा त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें मेटालोथायोनिन (Metallothionein) नाम का एक प्रोटीन पाया जाता है, जो यूवी रेडिएशन के प्रभाव से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, एलोवेरा के गुण कोलेजन को बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं, जिससे त्वचा की इलास्टिसिटी बढ़ती है और झुर्रियां कम हो सकती हैं। एलोवेरा में पाए जाने वाले अमीनो एसिड कड़क सेल्स को नरम करके त्वचा को कोमल बनाने में मदद करते हैं और त्वचा के पोरों को टाइट करने में भी मदद करते हैं (21)।

12. मेथीदाने का फेस पैक

सामग्री :
  • एक छोटा कप मेथीदाना
  • एक चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • एक कप मेथीदाने को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
  • सुबह मेथीदाने को पानी से निकालकर गुलाब जल के साथ ब्लेंड कर लें।
  • इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए सूखने दें।
  • 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग हफ्ते में तीन से चार बार किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

मेथीदाने में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं और उससे होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है (22)। जर्नल ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के इस शोध के अनुसार, मेथीदाने का यह फायदा उसका सेवन करने पर मिल सकते हैं, इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि इसे त्वचा पर लगाने से क्या लाभ हो सकता है। हम यही सलाह देंगे कि मेथीदाने से बने एंटी एजिंग फेस पैक को उपयोग करने से पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य कर लें।

13. संतरे के छिलके का फेस पैक

सामग्री :
  • एक चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर
  • एक छोटा चम्मच चंदन पाउडर
  • तीन चम्मच गुलाब जल
विधि :
  • संतरे के छिलके से एंटी एजिंग मास्क घर पर बनाने के लिए एक बाउल में बताई गई सभी सामग्रियों को मिला लें।
  • इस पेस्ट को अपने चेहरे और गले पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • जब मास्क सूख जाए, तो चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस एंटी एजिंग पैक को हफ्ते में दो से तीन बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे काम करता है :

संतरे के छिलके में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को एजिंग के लक्षणों से बचाने का काम कर सकते हैं। इस कारण इसका उपयोग कई ब्यूटी उत्पादों को बनाने में भी किया जाता है। सबसे पहले तो यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है और त्वचा को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा सकता है। इसके अलावा, संतरे के छिलकों में एंटी कोलेजिनेज गुण होते हैं, जो कोलेजन को क्षति पहुंचने से बचाते हैं और त्वचा की इलास्टिसिटी बनाए रखने में मदद करते हैं। इस प्रकार संतरे के छिलके से घर पर बनाए एंटी एजिंग फेस पैक का उपयोग किया जा सकता है (23)।

14. पपीता फेस पैक

सामग्री :
  • एक चौथाई पका हुआ पपीता
  • एक चम्मच नींबू का रस
विधि :
  • एक बाउल में पपीते को मैश कर लें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अंत में चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
  • इस पैक का उपयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

जैसा कि लेख में बताया गया है कि फ्री रेडिकल्स और यूवी रेडिएशन एजिंग का कारण बन सकते हैं। ऐसे में पपीते से एंटी एजिंग फेस मास्क घर पर बना कर उसका उपयोग करने से फायदा मिल सकता है। पपीते में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव डैमेज, फोटोएजिंग, झुर्रियां और महीन रेखाओं को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (24)।

15. ग्लिसरीन फेस मास्क

सामग्री :
  • एक छोटा चम्मच ग्लिसरीन
  • दो विटामिन-ई कैप्सूल
विधि :
  • विटामिन-ई कैप्सूल को काटकर बाउल में निकाल लें और उसमें ग्लिसरीन मिला लें।
  • दोनों को अच्छी तरह से मिलाकर उंगलियों की मदद से चेहरे पर लगा लें।
  • लगभग 30 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
  • इस प्रक्रिया को रोज रात को सोने से पहले दोहराया जा सकता है।
कैसे काम करता है :

चेहरे पर रोज ग्लिसरीन से बना एंटी एजिंग फेस पैक लगाने से त्वचा को फायदा मिल सकता है। ग्लिसरीन त्वचा की इलास्टिसिटी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे त्वचा के ढीलेपन और झुर्रियों को कम करने में मदद मिल सकती है (25)। ग्लिसरीन के साथ विटामिन-ई का उपयोग पैक को और गुणकारी बना सकता है। विटामिन-ई एक प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट है और त्वचा को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में मदद कर सकता है (26)।

लेख के इस भाग में जानिए कि एंटी एजिंग फेस पैक लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

बचाव – Caution

नीचे बताई गई बातों का ध्यान में रखने से घर में बनाए एंटी एजिंग फेस पैक के गुण दोगुने हो सकते हैं :

  • कोई भी फेस पैक लगाने से पहले चेहरे को अच्छी तरह साफ करना न भूलें।
  • एंटी एजिंग फेस पैक लगाने के बाद घर से बाहर न निकलें।
  • फेस पैक को धोने के बाद चेहरे को रगड़ कर न पोंछें। ऐसा करने से चेहरे की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। हमेशा चेहरे को थपथपा कर ही पोंछे।
  • चेहरे को पोंछने के बाद मॉइस्चराइजर लगना न भूलें। ऐसा न करने से त्वचा रूखी पड़ सकती है।
  • अगर किसी को त्वचा से जुड़ी कोई समस्या ( मुंहासे, एक्जिमा या डर्मेटाइटिस) है तो किसी भी प्रकार का एंटी एजिंग पैक का उपयोग करने से पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
  • किसी भी फेस पैक का उपयोग करने से पहले एक बार पैच टेस्ट अवश्य कर लें।

दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे कि एंटी एजिंग फेस माक्स घर पर बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। पार्लर जाकर हजारों रुपए खर्च करने से बेहतर है कि आप अपने किचन और गार्डन में मौजूद सामग्रियों से घर में ही एंटी एजिंग फेस पैक बनाएं। इन पैक की सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक होने के कारण इनके दुष्प्रभाव न के बराबर होते हैं। तो आज ही से लेख में बताए गए एंटी एजिंग के लिए फेस पैक का उपयोग करें और नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर हमें बताना न भूलें कि आपके लिए कौन-सा एंटी एजिंग फेस पैक सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा।

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12 Bollywood Stars Who Became Overnight Stars After Their Debut Movie

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Bollywood is a place where success requires hard work, passion and in many cases, sheer luck. More often than not, even hard work isn’t an assurance of success. It requires a certain degree of luck to taste the fruits of success. That or having a prominent last name (*cough cough* Nepotism). It truly is challenging to gain success within Bollywood and a majority of the on-screen actors as well as off-screen team members need to struggle in the beginning. Some don’t get accomplishments for years and a fewer number gain success from their debut film.

Nonetheless, numerous actors/actresses became overnight superstars with their first film. Here is a rundown of a few actors and actresses who gained success right from the get-go:

1. Shah Rukh Khan

Shah Rukh Khan

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Yes, the Badshah of Bollywood himself. The actor became a major hit after his first movie Deewana came out in the year 1992. The actor was paired with the likes of Bollywood legends like Rishi Kapoor, Alok Nath, and Amrish Puri. Although he wasn’t playing the lead role, Shah Rukh Khan’s emotional performance stole the hearts of millions of Indians. His good looks made sure he landed up as a picture in every 90s girl’s diary.

2. Hrithik Roshan

Hrithik Roshan

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Hrithik’s movie, Kaho Na Pyar Hai, catapulted him into the spotlight. His Greek God-like looks, smooth dance moves, and overall charisma drew attention from women across all age groups. The movie which was partly shot in Thailand featured Ameesha Patel in a key role alongside the actor.

3. Deepika Padukone

Deepika Padukone

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Although Deepika began her acting career with the Kannada film, Aishwarya, she became a household name once she starred in Om Shanti Om. The stunning actress acted opposite the Baashah, Shah Rukh Khan himself as the character of Shantipriya.

4. Ayushmaan Khurrana

Ayushmaan Khurrana

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Ayushmaan made a blockbuster debut with the movie Vicky Donor. The actor plays a young sperm donor and tackles a lot of mental and emotional turmoil during the course of the movie. The film ended up being a commercial success and catapulted the young actor into fame. The actor also provided vocals for the song Pani Da Rang in the movie, proving he could not only act but could also sing.

5. Aamir Khan

Aamir Khan

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Popularly known as the perfectionist of Bollywood, Aamir gained mainstream commercial success with his film Qayamat Se Qayamat Tak opposite actress Juhi Chawla. The actor’s grace, charm, charisma, and sweet looks won him loads of fans. He went on to spawn many hits and hasn’t stopped impressing his fans with his performance ever since.

6. Ranveer Singh

Ranveer Singh

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The talented actor truly made a splash when he acted in the movie Band Baaja Baraat opposite Anushka Sharma. His fun, bubbly, and outgoing personality made him an even bigger hit amongst fans. The actor had made sure to give all his roles a 100% whether it was playing a poor slum dweller in Gully Boy or conqueror Alauddin Khilji in Sanjay Leela Bhansali’s Padmaavat.

7. Salman Khan

Salman Khan

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Salman Khan and Bhagyashree first forayed into acting with the motion picture Maine Pyaar Kiya. The chemistry shared between Salman and Bhagyashree’s characters in the movie was palpable, and the audience loved seeing the pair together. Unfortunately, they were both signed to other films at the time, and this movie remained unreleased.

8. Priyanka Chopra

Priyanka Chopra

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The gorgeous starlet made her debut opposite Lara Dutta and Akshay Kumar in the movie Andaaz. The film became a hit and was often called the first universal hit of the year. Priyanka went on to bag a Filmfare award for Best Female Debut for her role in the film.

9. Anushka Sharma

Anushka Sharma

anushkasharma / Instagram

Like Deepika, Anushka too bagged the spotlight after entering the industry with her debut film, Rab Ne Bana di Jodi opposite Shah Rukh Khan. The chemistry shared between the two actors on screen was impressive, and many people were impressed by Anushka’s bubbly personality and lively persona. The film went on to be a box office hit and won Anushka a lot of fame.

10. Alia Bhatt

Alia Bhatt

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Alia Bhatt hit the superstardom status after acting in the Karan Johar directed Student Of The Year. Although the movie was a box office hit, many critics were not that impressed by Alia’s acting. The actress went on to prove all the naysayers wrong by acting in brilliant movies like Highway, Udta Punjab, Raazi and Dear Zindagi. Her versatility has made her a favorite among Bollywood fans, and she has entered a league of her own at the ripe young age of 26.

11. Bobby Deol

Bobby Deol

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Bobby Deol made his debut in the superhit film Barsaat in 1995. The film did exceptionally well at the box office, and its soundtrack did even better. Bobby’s role as the character of Badal was especially loved by the film buffs, and the movie earned Bobby Deol his first acting award, The Filmfare Best Male Debut.

12. Sonakshi Sinha

Sonakshi Sinha

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The young actress began her career opposite Salman Khan in the 2010 film, Dabangg. The actress is the daughter of South Indian Actor legend Shotgun Shatrughan Sinha. After her role in the movie, the actress went on to achieve overnight success.

Did any of the names on this list come as a surprise to you? Who is your favorite overnight superstar? Let us know in the comments below.

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Different Types Of Mothers-In-Law

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Marriage is a huge step for everybody. And more so for the girl than the boy, because in countries like India, a girl is supposed to be the only person to move out of the house and settle in her husband’s home adapting to that house’s culture and way of living. And what is it that makes this transition easier? A good mother-in-law!

For girls these days, when it comes to getting married, the topmost concern is whether or not their in-laws, especially their mother-in-law is a sober woman or not. They are often worried if their MIL (Mother In Law) will give their new life a horrifying start or will she help them start their new life with positivity and happiness.

Some of us hit the jackpot, and some of us don’t! Getting along with your mother-in-law is a very important aspect of a peaceful marriage. After having spoken to few married women and listening to their sweet-bitter mother-in-law stories, we can say that these are the types of mothers-in-law that you might come across in the future if you haven’t tied the knot yet. Read on.

1. The OCD MIL

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She is the MIL who owns the word “cleanliness” quite literally. She is the one whose culinary skills are amaze and if she sets off on a cleaning drive, she won’t leave even a quarter of an inch area of your home unattended. And if you’re someone who does laundry  and cleaning only on the weekends, then we guess you’re in some deep trouble if you end up with a MIL like this one.

2. The Insecure Mother-in-law

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She is a perfect example of an overprotective mother who is just promoted to a MIL. She doesn’t feel happy that because of her son she has gained a daughter. She begins to think that she has lost her son instead. Even before you show her how much you love your husband (her son), she is already convinced that you aren’t looking after him well. She is one of those MILs who asks her son to choose between his mother and wife.

3. The “I Know What Is Right For Your Kids” MIL

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Your labor pain must have not been as disturbing as having to live with this type of MIL. She’s the one who is going to tutor you against every decision you make while raising your kid right from his infant stage to marriageable age. She’ll probably throw this line as defense, “Look at your husband, I raised him and see how fine he’s turned out to be.” Only you know how much you’ve tamed your then irresponsible boyfriend to now a responsible husband.

4. The “I Know It All” MIL

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You will probably start hating the right to freedom of speech because of this kind of MIL. This is because she has an opinion on everything under the sun. She sometimes can even demand you to do her things her way directly. She will convince you that you’ve been living a life of garbage and now, thanks to her, your life is shining bright like the sun.

5. The Barbie MIL

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She’s going to make it look like your life is a beauty pageant and she, your MIL is your greatest competitor of all times. She goes to the extent of getting plastic surgeries done on herself just to receive compliments of people. “She looks more like your sister than your MIL” will bring her joy that cannot be measured.

6. The Ladies-Club MIL

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If you belong to the upper class of the society, then you’ll mostly end up with a MIL like this one. She is a housewife and she loves indulging in various Ladies Club activities like the kitty party where you’ll see ten more just like her speaking about their latest collection of glasses, saree, or jewelry. She’s going to pay more focus on what she gifted you and what you gifted her in return. Showering her with gifts will keep her happy.

7. The “I Want To Know Everything” MIL

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She is the type of mother-in-law who wants to get updates about everything—why are the sofa covers changed to blue? Why is my son working so much? Why haven’t you gotten a new knife set yet? What were you talking to your parents on the phone? Why is your son coming home late? Why didn’t you tell me that it’s a holiday for you today? She needs answers for everything and wants to know everything!

8. The “Blessed-To-Have” MIL

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You’re lucky if you have a MIL like this one. She loves you, adores you for who you are. She’s caring, she is caring towards your parents as well. Well, congratulations if you found a mother-in-law like this one. Give her a hug from our side also maybe!

We had no intentions of frightening you with this list. Anyways, it’s always better to stay alert about the various kinds of MILs out there, isn’t it? So, which type is your MIL? Let us know in the comments below.

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9 Bollywood Actors Who Rejected Hollywood Movies Like A Boss

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While we’ve seen many of our favorite actors slowly transition from making just Bollywood movies to going global, it’s surprising to see some pretty popular names rejecting big-budget Hollywood films. While it’s perfectly understandable that they might have had specific personal or professional reasons behind rejecting the roles, it’s surprising to a lot of fans that they did.

Some of the names on this list had actually starred in Hollywood movies before or went on to star in Hollywood films at a later point:

1. Naseeruddin Shah

Naseeruddin Shah

naseerudinshah / Instagram

Considering that Naseeruddin Shah played a lead role in the movie The League Of Extraordinary Gentlemen, he’s clearly no stranger to Hollywood. However, during a Twitter chat with a news agency, the veteran actor revealed that he was offered to audition for the role of Albus Dumbledore from the Harry Potter movie series. The actor explained that the filmmakers behind the series approached his agent and asked if he would audition for the role following the untimely death of the original Dumbledore, Richard Harris. Unfortunately for many of his fans, the actor turned down the role and later went on to play Captain Nemo in The League Of Extraordinary Gentlemen.

2. Shah Rukh Khan

Shah Rukh Khan

iamsrk / Instagram

Before Anil Kapoor landed the role of Big B inspired character, ‘Prem Kumar’ in the movie Slumdog Millionaire, it was Shah Rukh Khan who was approached. Director Danny Boyle originally wanted Khan to play the part as he had hosted a season of Kaun Banega Crorepati in the year 2007. Unfortunately, Shah Rukh Khan turned down the role as he believed he wasn’t a suitable candidate and wouldn’t do justice to the part.

3. Irrfan Khan

Irrfan Khan

irrfan / Instagram

Another Khan on this list to reject a Hollywood role was Irrfan Khan. The talented actor was offered the role of Matt Damon’s character in the sci-fi movie, Interstellar. Unfortunately, the schedule conflicted with his role in the film, The Lunchbox. The actor was required to stay in the United States for four months during the filming of his sequences. Luckily, The Lunchbox did exceptionally well and won critical acclaim, so he didn’t lose out on much. But imagine skipping out on a movie directed by the legendary Christopher Nolan?

4. Priyanka Chopra

Priyanka Chopra

priyankachopra / Instagram

Yes, The Priyanka Chopra. After Priyanka tied the knot with Hollywood cutie, Nick Jonas, she was the latest hot topic all across Hollywood. The actress was initially offered her first Hollywood role in the movie Immortal. Sadly, the actress had to turn down the part as she had already committed to playing a lead role in the film Saat Khoon Maaf. The role eventually landed in the lap of Freida Pinto and Priyanka’s Saat Khoon Maaf lead her to achieve cult status amongst the film community. The actresses abilities were praised, and many critics called this the ‘role of a lifetime’.

5. Aishwarya Rai Bachchan

The former Miss World was offered a role opposite Brad Pitt’s character in the movie Troy. Sadly, the actress turned down the role as it required her to get ‘cozy’ with Pitt’s character. Quite the bummer for fans who would love to see their onscreen chemistry and watch them sizzle on screen.

6. Deepika Padukone

Deepika Padukone

deepikapadukone / Instagram

The queen of Bollywood herself was offered an audition for a lead role in the 2015 movie Fast And Furious 7. The actress would be joining the ranks of Paul Walker, Vin Diesel, Michelle Rodriguez and many more if she had taken up the role. Sadly the actress turned down the role as she was too busy shooting for Farah Khan’s movie Happy New Year. The movie went on to become a box office hit despite receiving mainly mixed reviews from critics.

7. Hrithik Roshan

Hrithik Roshan

hrithikroshan / Instagram

Many fans were disappointed when Hrithik reportedly turned down the role of playing the character of Vicente in the movie Pink Panther 2. Popularly known as the
‘Greek God’ of India, the actor has starred in multiple critically acclaimed films including, Guzaarish, Jodhaa Akbar, Lakshya and buddy film Zindagi Na Milegi Dobara.

8. Ronit Roy

Ronit Roy

ronitboseroy / Instagram

The Udaan actor turned down a lead role in the Oscar-winning film on terrorism, Zero Dark Thirty. Instead, the talented TV turned big-screen actor chose to act in the Karan Johar directed Student Of The Year. We bet this is a choice he truly regrets (no offense to SOTY fans).

9. Dilip Kumar

Dilip Kumar

masalauae / Instagram

Legendary actor Dilip Kumar chose to turn down a leading role in the 1962 film, Lawrence Of Arabia. Director David Lean wanted Dilip to audition for the role of Sherif Ali, a tribal chieftain. After Dilip Kumar rejected the role, it went to Omar Sharif who won an Oscar nomination for his performance in the film.

It’s incredible that the world is opening up to the idea of casting South Asian actors/actresses in lead roles and we are thrilled to see so many of our childhood idols immortalize themselves on Hollywood’s big screen and introduce the Western audience to our culture. We hope to see many more Indian actors showcase their talents in Tinseltown.

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6 Different Roles Your Husband Should Play In Your Marriage

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They say every single living creature on this planet earth has a role to play. And if all of them played their role in the right way, Earth will be the most beautiful place in the universe. The same applies to our life as well; every single person who enters or exits from our life has their own specific role to play. While some of them enter and bring a positive change in our life, there are some who leave and they leave behind a lesson that will stay back with us for the rest of our life. This is true, isn’t it?

This holds very right especially in the world of relationships. However, we always want to end up with people who will stay by our side forever and be a part of everything we do in our life. How do you end up in such a relationship? If you find a partner who is willing to play that role for you, the most common goal for a couple would be to turn their relationship into marriage eventually. And this is more likely to succeed if you find a partner who is happily willing to take up the roles that will keep you happy and satisfied. Your man needs to be willing to accept and do things that will make you happy. Vice Versa, if he’s expecting the same out of you, it’s an even smoother sail, trust us!

How would your boyfriend know of these roles that he needs to be playing as a husband? Let him know about the following things that are the most basic and valuable roles he should be taking up after you get married.

1. He Needs To Be Your Ultimate Best Friend

He Needs To Be Your Ultimate Best Friend

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This is a common role to expect, isn’t it? You’d always want your husband to be the best friend. A best friend with whom you can be yourself without having to worry about the fear of being judged. You want him to be the best friend with whom you can experience a laughing riot and set off on adventures unknown.
You want him to be the BFF you couldn’t otherwise find.

2. He Needs To Be The Caring Nurse

He Needs To Be The Caring Nurse

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You are human and so is he. And when you fall sick or he does, you would want him to nurse you with all the care and attention like how you would do to him if he was sick. Sometimes, it isn’t the medicines that help one get back to good health, but, it’s the care of the person you love the most that helps you jump back to a healthy route in life. And you definitely want your husband to be that caring husband who would nurse you back to good health.

3. He Needs To Be The Life Partner You Always Wanted

He Needs To Be The Life Partner You Always Wanted

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A life partner doesn’t mean that you have to just live with him. If you think that having a life partner is like having somebody to rely on during happiness and sorrow, then he needs to be that. If you expect him to be your support in times when you’re doubtful, then he needs to don the role of a life partner who supports you in all ordeals. Taking on life’s challenges with a life partner is always a better idea!

4. He Needs To Be Your Mentor

He Needs To Be Your Mentor

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Life is a journey where you are always learning about something new every other day. And at times, the learning needs to be imparted by your husband as well. He needs to help you have a better perspective regarding things you’ve never handled before. If you have a husband from whom you can learn and unlearn positive things about life, he will make for an ideal husband.

5. He Needs To Be Your Therapist

He Needs To Be Your Therapist

Shutterstock

A warm hug from your husband is good enough therapy to battle all the stress that your work has been causing to you. A husband needs to be this personal therapist who should listen when you vent out your frustration. At times when your body is too tired, he should don the hat of massager as well and relieve your body from all the tension knots that have been building. Of course, you have to give him some return favors too (winks).

6. He Needs To Be The Prince Charming

He Needs To Be The Prince Charming

Shutterstock

As we get on the journey of adulting, we slowly realize that the idea of finding a Prince Charming is limited to just Disney and Bollywood movies. But that doesn’t mean you should stop trying to make your own version of a fairy tale. Both you and your husband can be the Princess and Prince Charming. Your husband needs to shower you with love and care that is beyond your expectations and imagination. Wouldn’t that make for a much better fairy tale than to watch a man riding a white horse and come to take you?

And it isn’t just the husband. Even you need to play certain significant roles in your relationship and your marriage to work like a dream. How many roles have you donned yet? Let us know in the comments below.

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Want Clearer Skin? Put Away Your Mobile Phone NOW!

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Ever woken up with an unexplained breakout and wondered how it got there? Considering the strict skincare regime you follow, you must be bewildered that even after all of this, you still suffer from severe breakouts. Or do you suffer from critical dark circles that don’t go away despite you getting at least eight hours of beauty sleep? Well, the culprit for all your troubles might just be in the palm of your hands. It’s no secret that smartphones have made our lives very easy and that everything you could possibly want is now available at the click of a button. From finding dates and meeting new people to scheduling your next dentist appointment, a smartphone can do it all. It’s no surprise that people take their smartphones everywhere they go. You’d be lying if you said you don’t sneak your phone into the bathroom. Here are a couple of problems that arise when you use your phone and a few quick-fix solutions for them:

1. Acne Breakouts From Skin To Phone Contact

Acne Breakouts From Skin To Phone Contact

Shutterstock

Let’s be honest. You probably do not clean your phone as often as you should. Did you ever wonder how much bacteria is gathering there? Research shows that our phones are actually filthier than we think they are, and this can cause pretty severe breakouts. With bacteria like E.coli and worse plaguing our phone screens, it’s no wonder people recommend limited skin to phone contact. So how do you fix this? The answer might set you back a little in cash. Invest in a Bluetooth earpiece. If the idea of hopping onto the earpiece bandwagon doesn’t really appeal to you, consider cleaning your phone at least twice a day. It’s a good idea to use a cleansing wipe that contains a low percentage of ethanol and use it to give your phone a gentle wipe down. If you’ve already broken out, it’s a good idea to use an anti-bacterial facial cleanser (1).

2. Contact Dermatitis

Contact Dermatitis

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Most cell phone cases are made of materials like nickel and chromium. These are well-documented contributors to skin allergies, and many believe it’s actually the number one culprit. If you notice that you’ve suddenly developed an itchy rash creeping up the side of your face or even your palm, you might be developing an allergic reaction to your phone. Cover up your cell phone with a plastic phone case and screen protector. You can also use some over-the-counter medicine to relieve the irritation. However, we would recommend consulting a dermatologist first (2).

3. Dark Spots Caused By Blue Light Exposure

Dark Spots Caused By Blue Light Exposure

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Exposure to blue light can cause an increase in pigment production, leading to hyperpigmentation and premature age spots. If you suffer from a skin condition called melasma, the heat generated from your phone can damage your skin further and exacerbate your condition. A good idea is to use a serum containing Vitamin C and E. It’s also a good idea to use a sunscreen first thing after washing your face. Make sure your face is extremely clean as you don’t want the sunscreen to trap dust into your pores and make your dark spots appear worse than they actually are (3).

4. Premature Aging

Premature Aging

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Research suggests that visible light, especially light that gets emitted from your phone has a negative impact on how your skin ages. The light might cause your skin to get inflamed, and the visible light can often lead to the collagen in your skin getting damaged. This can also lead to premature wrinkling (4).

5. Too Much Screen Time Causing Neck Strain

Too Much Screen Time Causing Neck Strain

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Yes, too much screen time can affect your neck as well. The delicate skin on your neck is also prone to increased creasing due to looking down. The loss of inherent elasticity can also occur, which would improve the appearance of creases. This can lead to your skin, looking extremely creasy and dull. The best solution for this is to practice good posture and to look forward while using your phone rather than looking down. When using sunscreen or any creams like a moisturizer, etc., it’s a good idea not to skip applying the cream on your neck.

It’s smart to play it safe and limit your screen time as much as you possibly can. Considering how dependent most of us are on our smartphones, it can be quite a task to accomplish this. However, with practice and patience, it isn’t as difficult as it might sound. If spending too much money on a Bluetooth headset doesn’t seem feasible to you, try purchasing earphones with a mic attachment. This way you don’t have to worry about charging the earphones constantly, neither do you have to worry about losing them. Do you think you’re a smartphone addict, and how do you manage it? Let us know your thoughts in the comments below.

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Lip Care Routine For Winter

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Winter season brings relief to the weird untimely climate of monsoon when you can’t even see the sun shining. As much as the winter slumber is loved by many, there’s one thing that many aren’t fond of and this appears as soon as the winter season knocks. The air is at its driest during winter making our skincare and haircare regimens ineffective. Our hair becomes dry, our skin loses its moisture, and our lips crack because of the dryness. The chilling wind outside, cold, dry, and artificially heated air of the interior conspire to make our lips flaky and dry. Our lips are one of the most sensitive parts of our body and there’s no surprise they require a lot of care during the dry season too.

When it comes to taking care of our lips during winter, most of us go and seek relief in the store-bought lip balms. What we don’t realize is that a lip balm’s effect is temporary. There is a certain way to take care of our lips during winter that will ensure prolonged care. And if you’re wondering what that constitutes, here’s a winter guide on how to take care of your lips naturally.

Steps To Take Care of Lips During Winter

  • Hydrate Your Lips From Within
Hydrate Your Lips From Within

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The logic is simple: whatever goes inside your body, it reflects outside too. The cold weather of winter might make us not want to drink water. But water is required every single day for your body to stay healthy. Dehydration can lead to dry, chapped lips. Therefore drink enough water and help your lips stay soft and supple.

  • Exfoliate Lips On A Weekly Basis
Exfoliate Lips On A Weekly Basis

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Just like the face on your skin, even your lips require exfoliation too. Exfoliating lips will help to eliminate flaky and dull skin. In fact, exfoliating regularly can help in achieving pink, soft lips. Just remember that exfoliating once a week is enough, don’t overdo it as it can cause redness, irritation, and soreness.

  • Avoid Licking Lips
Avoid Licking Lips

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We have this tendency to licking our lips whenever we feel that it’s dry. This is a big no since our saliva has enzymes that are only meant for digesting our food, these enzymes can irritate the lips.

  • Apply Lip Products Only At Night
Apply Lip Products Only At Night

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It’s no secret that our skin enters this repair and rejuvenate mode when the body is asleep at night. Therefore, if you are using any lip balm or DIY lip packs, then do so at night. Your lips will reap its benefits the most during the night.

Here Are Some Home Remedies For Lip Care During Winter

1. Aloe Vera

Aloe Vera

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Aloe Vera is a plant that is found everywhere and can also be grown very easily at home. You also get organic and natural gel extracts in grocery stores as well. Aloe Vera has excellent moisturizing properties as it has high water content in it. Therefore, apply the gel on your lips to make them supple and soft. Leave it on for a few minutes, wash it off, and pat your lips dry with a cotton towel.

2. Honey

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Honey has been used for centuries for its amazing moisturizing properties that also heal chapped lips. Mix honey with some glycerine and apply it on the lips. You can let it stay overnight on your lips and you will wake up to smooth, soft lips.

3. Ghee

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In countries like India, ghee has been used for body massages since it is known to have great moisturizing properties. Just dab your lips with some ghee and leave it all night. It’s the most desi way of taking care of your lips.

4. Milk And Rose Petals

Milk And Rose Petals

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Nope, we’re not talking about a royal body-pampering bath here with these two ingredients. In raw milk, add a few fresh rose flower petals. Leave it for a few hours. Now drain the milk out and apply it on your lip two to three times in a day. This combination will moisturize the lips and the rose color of the milk will leave your lips looking pink with a slight, rosy tint.

5. Sugar

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Our lips to have dead skin cells too, the build-up of the same leads to chapped lips. Mix honey and sugar to form a natural exfoliating lip scrub. Use this once every week for a month. Scrub for two minutes gently. Wash it off with some warm water and pat dry. Follow this up by applying a natural lip balm.

6. Coconut Oil

Coconut Oil

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This too is a natural moisturizer. Warm the oil a little in between your palms by rubbing it and massage the same onto your lips; let it stay overnight. It will leave you with supple and soft lips in the morning.

So, this winter don’t let your lips suffer. We hope we’ve given you a good enough heads up of how to curate your lip care routine this winter. Let your winter pouts slay!

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दलिया के फायदे और नुकसान – Bulgur Wheat (Daliya) Benefits and Side Effects in Hindi

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दलिया और दलिया से बने खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से समृद्ध होते हैं। दलिये के सेवन से पोषण तत्वों की कमी से होने वाले समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही यह कई बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टर की सलाह इसका सेवन करने से इलाज के प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि इलाज के साथ-साथ सही खान-पान भी जरूरी है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम दलिया खाने के फायदे और दलिया खाने के नुकसान दोनों के बारे में जानकारी देंगे।

लेख के शुरुआत में हम यही बता रहे हैं कि दलिया कहा किसे जाता है।

दलिया क्या है? – What is Bulgur Wheat in Hindi

दलिया एक पौष्टिक आहार होता है, जो टूटे हुए अनाज के मिश्रण से बनता है। इन अनाज में मुख्य रूप से गेहूं, चावल, बाजरा, मकई व जई आदि शामिल है। भारत में सामान्य रूप से लगभग सभी के घर गेंहू का दलिया पाए जाते हैं। यह कई पोषक तत्व से समृद्ध होता है, जैसे – विटामिन, मिनरल व आयरन। इसे ज्यादातर सुबह के नाश्ते में खाया जाता है, क्योंकि सुबह इसका सेवन करने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है और आप दिनभर तारोताजा रहते हैं। इसके सेवन से पाचन, कब्ज और हृदय स्वस्थ जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है।

दलिया के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।

दलिया के फायदे – Benefits of Bulgur Wheat in Hindi

दलिया लोगों के आहार में अपनी जगह इसलिए बनाए हुए है, क्योंकि इसका सेवन सेहतमंद होता है। यहां हम इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

1. हृदय स्वाथ्य में सुधार

आजकल हर कोई स्वस्थ रहना चाहता है और दलिये की मदद से ऐसा संभव है। दलिया फाइबर का अच्छा स्रोत होता है, जो हृदय के जोखिम से बचाए रखने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर किसी का हृदय संबंधी इलाज चल रहा है, तो दलिया इलाज के प्रभाव को बढ़ा सकता है (1)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि दलिया के फायदे हृदय के लिए भी हो सकते हैं।

2. ब्लड शुगर को नियंत्रण में करने के लिए

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, दलिया का सेवन करने से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। दरअसल, दलिया रक्त में शुगर की मात्रा को कम और इंसुलिन के संचार की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे मधुमेह की समस्या से बचने में सहायता मिल सकती है (2)। साथ ही दलिया को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्टस की श्रेणी में रखा गया है, जिस कारण इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा माना गया है (3) (4)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि दलिया खाने के स्वास्थ्य लाभ वालों को भी हो सकता है।

3. पाचन में मददगार

दलिया खाने के फायदे में बेहतर पाचन तंत्र भी शामिल है। यह दलिया में पाए जाने वाले फाइबर के कारण संभव है। फाइबर खाने को पचाने और पाचन क्रिया में सुधार करने का काम कर सकता है। साथ ही कब्ज को दूर करके पेट को साफ करता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है (5)।

4. स्वस्थ पेट के लिए

पेट को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के आहार और पेय पदार्थ का सेवन किया जा सकता है, उन्हीं में से एक दलिया भी है। दलिया में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है (6), जो पेट को साफ करने का काम करता है। इससे कि पेट की विभिन्न तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं (7)। इसलिए, दलिया के फायदे पेट के लिए माने जा सकते हैं।

5. कब्ज के लिए

कब्ज की समस्या से निपटने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इसमें दलिया मदद कर सकता है, क्योंकि दलिया में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो मल को एक साथ शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज की समस्या से कुछ राहत मिल सकती है (8)।

6. वजन को कम करने के लिए

दलिया खाने के स्वास्थ्य लाभ में वजन घटाना भी शामिल है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की ओर से प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, फाइबर वजन को घटाने का काम कर सकता है। दरअसल, फाइबर शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिससे लंबे समय तक भूख को शांत रखा जा सकता है (9)। वही, दलिया फाइबर का अच्छा स्रोत होता है (10)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि वजन घटाने के लिए दलिया फायदेमंद हो सकता है।

इस लेख के आगे भाग में दलिया में मौजूद पौष्टिक तत्व के बारे में जानेंगे।

दलिया के पौष्टिक तत्व – Bulgur Wheat Nutritional Value in Hindi

दलिया में पाए जाने वाले पोषक तत्व के कारण ही यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इन पोषक तत्वों को नीचे चार्ट के जरिए विस्तार से बताया जा रहा है (10)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 g
पानी 77.76 g
ऊर्जा 83 kcal
प्रोटीन 3.08 g
टोटल लिपिड (फैट) 0.24 g
कार्बोहाइड्रेट 18.58 g
फाइबर 4.5 g
शुगर, टोटल 0.1 g
मिनरल्स
कैल्शियम ,Ca 10 gm
आयरन ,Fe 0.96 mg
मैग्नीशियम , Mg  32 mg
फास्फोरस ,P 40 mg
पोटैशियम ,K 68 mg
सोडियम ,Na 5 mg
जिंक ,Zn 0.57 mg
विटामिन्स
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 0 mg
थाइमिन 0.057 mg
राइबोफ्लेविन 0.028 mg
नियासिन 1 mg
विटामिन बी -6 0.083 mg
फोलेट DFE 18 µg
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफ़ेरॉल) 0.01 mg
लिपिड
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.042 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड 0.031 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.098 g

लेख के अगले हिस्से में बताया जा रहा है कि दलिया का उपयोग कैसे किया जाए।

दलिया का उपयोग – How to Use Bulgur Wheat in Hindi

दलिया से कोई एक नहीं, बल्कि कई प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं। ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतंद के लिए भी फायदेमंद है।

कैसे खाएं:

  • दलिया को फलाफल बनाकर खाया जा सकता है।
  • दलिया को कई ड्राई फ्रूट और बीन्स में मिलाकर सलाद की तरह खाया जा सकता है।
  • दलिया को सूप में मिलाकर लिया जा सकता है।
  • कई आहार में इसे ऊपर से गार्निश करके खाया जा सकता है।
  • दलिया में दूध और शक्कर डालकर भी खाया जा सकता है।

कब खाएं:

  • इसे सुबह ड्राई फ्रूट और बिन्स के साथ पका कर खाया जा सकता है।
  • शाम को दलिया को सूप में मिलकर लिया जा सकता है।
  • दोपहर या रात के आहार में इसे गार्निश करके खाया जा सकता है।

कितना खाएं :

प्रतिदिन 85 से 226 ग्राम दलिया का सेवन किया जा सकता है (11)। फिर भी इसका सेवन से पहले आहार विशेषज्ञ से इसकी उचित मात्रा के बारे में पूछा जा सकता है।

आइए, अब दलिया खाने के नुकसान के बारे में जान लेते हैं।

दलिया के नुकसान – Side Effects of Bulgur Wheat in Hindi

जिस तरह दलिया खाने के फायदे हो सकते हैं, उसी तरह इसके सेवन से कुछ दुष्प्रभाव होने की आशंका भी रहती है, जो इस प्रकार है:

  • दलिया के अधिक मात्रा में सेवन करने पर पेट में गैस, पेट फूलना और पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें कुछ मात्रा फाइबर की पाई जाती है (10) (12)।

अब आप यह तो बखूबी जान गए होंगे कि दलिया क्या है। इसके सेवन से शरीर को विभिन्न तरह के लाभ मिल सकते हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दलिया इन लेख में बताई गई समस्याओं को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकता है। यह सिर्फ कुछ लक्षणों को कम करने में ही मदद करता है। इसलिए, उचित इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। हां, यह भी संभव है कि अगर दलिया का सेवन नियमित रूप से किया जाए, तो ये बीमारियां हो ही न। साथ ही इसके नुकसान और उपयोग के बारे में भी लेख में ऊपर बताया गया है। फिर भी आपके मन में किसी तरह का कोई सवाल है, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद से उसे हम तक पहुंचा सकते हैं। हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे।

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धातु (धात) रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Spermatorrhea (Dhat Rog) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

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कुछ स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके बारे में खुलकर बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्हीं समस्या में से एक है, धात रोग। यह यौन संबंधी ऐसी समस्या है, जो खुद के प्रति बरती गई लापरवाही की वजह से होती है। इस बीमारी से ग्रसित होने पर आत्मविश्वास इस कदर डगमगा जाता है कि व्यक्ति की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित होने लगती है। अगर भारत की बात करें, तो यहांं इस समस्या को आम माना गया है (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम धातु रोग को समझाने के साथ ही धातु रोग के कारण, लक्षण और बचाव से जुड़ी जानकारी देंगे। साथ ही धात रोग का इलाज और टिप्स के बारे में भी चर्चा करेंगे।

चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि धातु रोग क्या है?

धातु रोग क्या है? – What is Spermatorrhea in Hindi

धात व धातु रोग, जिसे अंग्रेजी में स्पर्मेटर्रिया (Spermatorrhea) कहा जाता है, यह एक तरह की यौन समस्या है। इसमें बिना किसी यौन गतिविधि या इच्छा के वीर्यपात हो जाता है। कई बार पेशाब करते समय मूत्र के साथ भी वीर्य निकल जाता है (2)। इस स्थिति को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है (3)।

  • मेंग यी (Meng Yi): इसमें सपने देखते हुए नींद में ही वीर्यपात हो जाता है।
  • हुआ जिंग (Hua Jing): इसमें बिना सपने देखे नींद में या दिन में सचेत रहते हुए वीर्यपात हो जाता है।

धातु रोग क्या है, यह जानने के बाद आगे हम धातु रोग के कारण के बारे में बात करेंगे।

धातु रोग के कारण – Causes of Spermatorrhea in Hindi

धातु रोग यानी स्पर्मेटर्रिया एक गंभीर समस्या है, जिससे बचाव के लिए धात रोग के कारण के बारे में जानना जरूरी है। नीचे, हम धातु रोग के अनुमानित कारणों के बारे में बता रहे हैं (3) (4) (5) (6)।

  • भावनात्मक असंतुलन।
  • अधिक यौन गतिविधि।
  • शराब का सेवन।
  • Qi की कमी (ऊर्जा की कमी)।
  • ह्रदय, लिवर, व किडनी में असंतुलन।
  • दवाओं का सेवन, जैसे – टोपिरामेट (Topiramate)।
  • एक्जिमा व दाद।
  • आंत में होने वाले कीड़े (Worm Infestation)।
  • अधिक हस्तमैथुन

आगे हम, धात रोग के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।

धात रोग के लक्षण – Symptoms of Spermatorrhea in Hindi

सिर्फ पुरुषों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी धात रोग हो सकता है। इसके कुछ लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। इसके कुछ आम लक्षण हम नीचे बता रहे हैं (7) (8) (9)।

  • मूड में अचानक बदलाव होना।
  • हर समय आलस महसूस होना।
  • एंहीडोनीय (Anhedonia) यानी किसी भी तरह के काम में मन न लगना।
  • एकाग्रता में कमी।
  • निराशाजनक अवसाद (उदासीन विचार, खुद को व्यर्थ समझना)।
  • नींद में कमी।
  • कम भूख लगना।
  • शारीरिक दुर्बलता।
  • घबराहट महसूस होना।
  • असमय वीर्यपात।
  • मनोरोग।
  • योनि स्राव (Vaginal Discharge)।
  • पेशाब के साथ वीर्य निकलना।

धात रोग के लक्षण के बाद आगे हम धातु रोग के जोखिम कारक के बारे में बता रहे हैं।

धातु रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Spermatorrhea in Hindi

किसी भी तरह की शारीरिक समस्या या रोग की चपेट में व्यक्ति यूं ही नहीं आ जाता है। उसके पीछे कई कारण छुपे होते हैं। इसी तरह धातु रोग होने के पीछे भी कई कारक हैं। इन्हीं कुछ आम जोखिम कारकों के बारे में नीचे क्रमवार बताया गया है (10) (11) (12) (9):

  • वीर्यपात के नुकसान से संबंधित मिथकों पर भरोसा करना।
  • कामुक साहित्य पढ़ना या चित्र देखना।
  • एडल्ट फिल्में देखना।
  • दोस्ती या प्यार में विश्वासघात।
  • कुछ अधूरी कामोत्तेजक इच्छाएं।
  • बुरी संगत।
  • चिंता करना।
  • यौन इच्छा संबंधी (Venereal) रोग।
  • यूरेनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) के कारण।
  • अधिक भोजन करना।
  • नींद खराब होना।
  • आनुवंशिक कारक।
  • पारिवारिक माहौल।
  • अपर्याप्त आहार का सेवन।
  • महिला नसबंदी (Tubectomy)।
  • अधिक हस्तमैथुन।
  • कब्ज।

लेख के अगले हिस्से में हम धातु रोग का इलाज क्या हो सकता है, यह विस्तार से बताएंगे।

धातु रोग का इलाज – Treatment of Spermatorrhea in Hindi

धात रोग का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। ऐसे में धातु रोग का इलाज करने के लिए इसकी वजह का पता लगाना जरूरी है। डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति से उसकी दिनचर्या, जीवन और किसी अन्य बीमारी से संबंधित दवाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से धात रोग हुआ है, तो उन दवाओं को बदलने की सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर धातु रोग तनाव की वजह से हुआ है, तो डॉक्टर एंटी-एंजाइटी दवाएं लेने के साथ ही तनाव को कम करने की एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं (7)।

एक केस स्टडी के मुताबिक, धात रोग से ग्रसित व्यक्ति की डॉक्टर ने काउंसलिंग की, साथ ही कुछ व्यायाम करने को कहा और आहार संबंधी बदलाव करने की सलाह दी गई। इन बदलावों और काउंसलिंग के बाद धात रोगी में सुधार देखा गया (12)। वहीं, आयुर्वेद में धातु रोग का इलाज सिडा कॉर्डिफोलिया (Sida cordifolia) यानी बाला जड़ी बूटी के उपयोग से भी किया जाता है (13)।

धात रोग का इलाज जानने के बाद नीचे धातु रोग से संबंधित आहार के बारे में चर्चा करेंगे। इन आहार को शामिल करने से धात रोग के लक्षण से बचा जा सकता है।

धातु (धात) रोग आहार – Spermatorrhea (Dhat Rog) Diet in Hindi

जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पोषण की कमी की वजह से भी धातरोग हो सकता है, इसलिए धात रोग के उपचार में खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। आहार पर ध्यान देते वक्त बीन्स से परहेज जरूर करना चाहिए (5)। धात रोग के लिए प्रोटीन, आयरन व बी-कॉम्प्लेक्स से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं (10)।

नीचे, हम धात रोग के लिए घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जो धातु रोग का इलाज करने में तो नहीं, लेकिन धात रोग के लक्षण कम करने में मदद जरूर कर सकते हैं (14) (15) (16) :

  1. 5 ग्राम बादाम, 5 ग्राम काली मिर्च, 2 ग्राम सौंठ और 5 ग्राम मिश्री को 250 ml गाय के दूध के साथ एक माह तक लिया जा सकता है।
  2. 25-25 ग्राम सेमल की छाल और मिश्री को 250 ml गाय के दूध के साथ दिनभर में दो बार सेवन करें। सुबह और शाम को खाना खाने से पहले।
  3. 50 ग्राम चना और 5 बादाम को रातभर पानी में भीगोकर रखें और अगले दिन दूध के साथ एक महीने तक सेवन किया जा सकता है।
  4. अर्जुन पेड़ (Terminalia arjuna) की छाल व जड़ के अर्क का सेवन चंदन के साथ किया जा सकता है।
  5. माना जाता है कि ऑर्किड नामक फूल धातु रोग का इलाज करने में सहायक हो सकता है। इसलिए, इसका सेवन भी धातु रोग के लक्षण को दूर करने में किया जा सकता है।

चलिए, अब धातु रोग से बचने के उपाय के बारे में जान लेते हैं।

धातु रोग से बचने के उपाय – Prevention Tips for Spermatorrhea in Hindi

धात रोग का बचाव कैसे किया जाए, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके कारण और जोखिम कारक से दूर रहकर जरूर इससे बचा जा सकता है। नीचे, हम धातु रोग के लक्षण कम करने और इससे बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं (17) (10)।

  • योग और व्यायाम।
  • स्ट्रेस से दूर रहें।
  • मादक पदार्थों के सेवन से बचें।
  • तम्बाकू व अवैध दवाओं का उपयोग न करें।
  • उत्तेजक किताबों को न पढ़ें।
  • किसी भी तरह की उत्तेजक वीडियो देखने से भी बचें।
  • मन में गंदे ख्याल न लाएं।
  • अधिक हस्तमैथुन न करें।

इस आर्टिकल से यह तो स्पष्ट हो गया कि धातु रोग कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। यहां बताए गए आहार और घरेलू उपचार को अपनाकर इस रोग के लक्षणों से बचा जा सकता है। साथ ही ध्यान रखें कि धात रोग के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाना जरूरी है। आर्टिकल को पढ़ने के बाद भी अगर धात रोग से संबंधित कुछ सवाल आपके जहन में उठ रहे हैं, तो उन्हें नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। आपको यह लेख कैसा लगा यह भी हमें जरूर बताएं और अगर आपका कोई जानने वाला इस रोग से ग्रसित है, तो उसके साथ भी इस आर्टिकल को जरूर साझा करें।

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Top 10 Female Empowerment Bollywood Movies

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While Bollywood has been considered a male-dominated industry, there have been quite a few outliers. It’s often assumed that female-centric movies are a recent trend in Bollywood, but that’s far from the truth. Movies like Bandini (1963) and Mother India (1957) dominated box offices in their time and paved the way for many more female-oriented films. Here is a compilation of ten of the most empowering Bollywood movies to dominate their time:

1. Bandit Queen (1994)

Bandit Queen (1994)

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This unlikely story is a biography based on the infamous Indian dacoit, Phoolan Devi’s life. Portrayed by actress Seema Biswas, it’s a story about a woman who was prosecuted by police but received legendary status from the people. The film is about her struggle to fight against the mayhem wrecked upon her by men, from the police who detained her to the goons who assaulted her. Ultimately overpowering them all, she proves the real strength of a woman.

2. Chak De! India (2007)

Chak De! India (2007)

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Although Shah Rukh Khan played the main lead, it was the 16 actresses (affectionately referred to as the Chak De girls) who truly stole the show. The movie drew attention to the field of hockey and spoke about how it is often pushed aside and not given the same status as cricket. It also talked about how women’s sport is neglected within our country and how very little money is invested in training them properly. In the movie we see girls from different states of the country come together and face regional differences, prejudices and more from their own teammates. The film doesn’t fail to disappoint when they come together as one united front when the going gets tough. However, the irony of the film is that despite the actresses putting on an incredible performance and carrying the movie forward, it was Shah Rukh Khan’s face that got more space in the posters.

3. English Vinglish (2012)

English Vinglish (2012)

rafiya_art_dreamer / Instagram

English Vinglish is an empowering story of a middle-aged entrepreneur who is mocked by her family for her inability to speak English. She goes on to secretly take English classes and prove her family long, learning many life lessons and meeting new people along the way. Sridevi’s on-screen character steals the show in this come-back film of the decade, and the Gauri Shinde directed movie received widespread critical acclaim.

4. Angry Indian Goddesses (2015)

Angry Indian Goddesses (2015)

dollytales14 / Instagram

A heart-warming film about an unlikely gang of girls at different stages in their life getting together to celebrate the wedding of their closest friend. This movie proved to be an emotional rollercoaster and was even embroiled in a scandal with the censor board for their depiction of the goddess, Kali. Despite the setbacks, the film was a major hit and performed well at the box office. It drew attention to a lot of problems faced by young women across the country.

5. Queen (2014)

Queen (2014)

ayeshasethstudio / Instagram

Queen is a delightful story of a young woman Rani played by Kangana Ranaut. Rani’s fiance cancels their wedding just one day before the event and rather than getting dejected; she
chooses to embark on a solo traveling trip and gain some perspective. During her travel escapade, she meets new companions, understands the world and life and returns as a changed individual, prepared to assume responsibility for her life.

6. Mardaani (2014)

Mardaani (2014)

wboxoffice / Instagram

Mardaani is the narrative of a female cop, Shivani Roy. It’s played by Rani Mukerji who battles the boss of organized crime including child trafficking and drugs. It shows the true nitty and gritty of the crime world, and Rani Mukerji puts forward a brave front and comes across as an all-round boss lady.

7. Neerja (2016)

Neerja (2016)

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The film depicts the story of an Indian flight purser, Neerja Bhanot, who was shot and killed while ensuring that several passengers of the Pan Am Flight 73 were free from any potential harm caused by a hijacking incident. Sonam Kapoor plays Neerja with extraordinary clarity and emotions, and the actress received a lot of praise for her powerful performance.

8. Pink (2016)

Pink (2016)

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Pink told the nation that when a lady says ‘No’ it signifies ‘No’. Regardless of what garments she wears or what way of life she chooses to live on her own time, she can’t be forced to do anything against her will. Amitabh Bachchan plays a lawyer who battles for the young ladies ensnared in a court case against young men belonging to influential families.

9. No One Killed Jessica (2011)

No One Killed Jessica (2011)

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Based on the real-life murder of aspiring model, Jessica Lal, this movie deals with the corruption in the law system. The film sheds light on the seedy world of bribery and influence in the nation’s capital and draws attention to the whole “Tum Jante Nahi Mera Baap Kaun Hai” ideology often shared by the elite. The movie deals with how the witnesses go rogue and sell their testimonies to the highest bidder. Rani Mukerji and Vidya Balan play lead roles in the film, and their on-screen compatibility drew widespread acclaim in their grueling fight for justice.

10. Lipstick Under My Burkha (2017)

Lipstick Under My Burkha (2017)

avidlearning / Instagram

This is a film the censor board did not want you to see. Lipstick Under My Burkha is a tale of four women who wish to live their own individual lives and break away from the mold. Konkona Sen, Ratna Pathak Shah, Plabita Borthakur and Ahana Kumra play the leading ladies with a charm and grace not commonly seen in today’s films. The film tugs on your heartstrings and really makes you empathize with the lead characters.

What did you think of our list? Are you ready to binge-watch all these films on your next girls’ night in sleepover? Tell us your thoughts in the comments below.

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हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान – Haritaki (Harad) Benefits and Side Effects in Hindi

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आयुर्वेद में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए तरह-तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों का निर्माण औषधीय गुण वाले पेड़-पौधों के विभिन्न भागों से होता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है हरड़, जो हरीतकी के नाम से भी प्रचलित है। मुख्य तौर पर इसका उपयोग त्रिफला चूर्ण बनाने में किया जाता है। माना जाता है कि इसमें इतने गुण मौजूद हैं कि यह अकेले ही कई समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकती है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हरड़ के फायदे के साथ-साथ इसे इस्तेमाल करने के तरीके भी बता रहे हैं। बेशक, लेख में बताई जाने वाली समस्याओं में हरड़ फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन यह उन समस्याओं को जड़ से खत्म कर दे, ऐसा हर स्थिति में संभव नहीं है। ऐसे में पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी सलाह लेना ही बेहतर होगा, ताकि हरड़ के व्यापक लाभ उठा सकें।

तो आइए, हरड़ से संबंधित अन्य जरूरी बातों को जानने से पहले हम हरड़ के फायदे से जुड़ी जानकारियां हासिल कर लेते हैं।

हरीतकी (हरड़) के फायदे – Benefits of Haritaki (Harad) in Hindi

1. अस्थमा में दिलाए राहत

अस्थमा की समस्या में हरड़ के फायदे लाभदायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, अस्थमा ऐसी समस्या है, जो श्वसन अंग में सूजन के कारण होती है (1)। वहीं हरीतकी में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस कारण यह माना जा सकता है कि यह अस्थमा की समस्या में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकती है। वहीं, एशियन पेसिफिक जर्नल द्वारा एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि इसका उपयोग अस्थमा की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन यह इस समस्या में काम कैसे करती है, इस बात का कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है (2)। इस कारण अस्थमा की समस्या में राहत दिलाने वाले गुण को लेकर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है।

2. बवासीर में फायदेमंद

बवासीर की समस्या में भी हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है। दरअसल, बवासीर ऐसी समस्या है, जो मुख्य रूप से पाचन क्रिया के सही से काम न करने के कारण होती है (3)। वहीं, हरीतकी में लैक्सेटिव (मल को पतला करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो पेट संबंधी कई समस्याओं को दूर कर बवासीर की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकता है (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बवासीर की समस्या में गर्म पानी के साथ हरीतकी चूर्ण का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

3. खांसी से दिलाए छुटकारा

खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए भी हरीतकी का सेवन किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें एंटीट्यूसिव प्रभाव (बलगम और खांसी को दूर करने वाला प्रभाव) पाया जाता है, जो खांसी की समस्या में काफी हद तक राहत पहुंचा सकता है (4)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि हरीतकी का उपयोग खांसी की समस्या से छुटकारा दिलाने में उपयोगी साबित हो सकता है।

4. पाचन के लिए लाभदायक

जैसा कि हम लेख में पहले भी बता चुके हैं कि हरीतकी में कई ऐसे औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो संयुक्त रूप से पाचन से संबंधित विकारों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इसमें भूख बढ़ाने वाले और पाचक रसों की सक्रियता बढ़ाने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि इसे पेट के लिए बेहतरीन औषधि माना जाता है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि हरड़ के फायदे में पाचन शक्ति में सुधार भी शामिल है।

5. अल्सर से बचाने में करता है मदद

हरीतकी का उपयोग मुंह और पेट के अल्सर को होने से रोक सकता है। बताया जाता है कि इसमें साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला), एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) के साथ ही एंटी-अल्सर (अल्सर को दूर करने वाला) प्रभाव मौजूद होते हैं। ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से अल्सर की समस्या को दूर करने में सहयोगात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि हरीतकी अल्सर की समस्या से राहत पाने का एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।

6. कब्ज को रखे दूर

कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में भी हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। जैसा कि हम लेख में पहले ही बता चुके हैं कि यह पेट के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होता है। वहीं, इस संबंध में एशियन पैसेफिक जर्नल द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि कब्ज की समस्या में हरड़ खाने के फायदे हो सकते हैं (2)। इस कारण यह माना जा सकता है कि कब्ज की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को हरीतकी के सेवन से लाभ मिल सकता है।

7. उल्टी में दिलाए राहत

उल्टी की समस्या में भी हरड़ खाने के फायदे सिद्ध हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हरीतकी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसे बुखार, खांसी और खराश जैसी समस्या के साथ उल्टी आने की परेशानी में भी कुछ हद तक फायदेमंद माना गया है। हालांकि, यह किस प्रकार से इस समस्या में काम करती है और इसका कौन सा प्रभाव उल्टी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है (4)।

8. त्वचा से जुड़ी समस्याओं से बचाए

हरड़ खाने के फायदे में त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत भी शामिल हैं। दरअसल, हरीतकी में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) और एंटीफंगल (फंगस को नष्ट करने वाला) प्रभाव के साथ-साथ शरीर को प्यूरीफाई यानी शुद्ध करने की क्षमता पाई जाती हैं, जो खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर करने में मदद कर सकती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से त्वचा संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (2)।

हरीतकी के फायदे जानने के बाद अब हम लेख के अगले भाग में बताएंगे कि औषधि के रूप में हरीतकी का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

हरीतकी का उपयोग – How to Use Haritaki in Hindi

हरीतकी का उपयोग दो प्रकार से किया जा सकता है।

  • काढ़े के रूप में– काढ़े के रूप में हरीतकी को 20 से 30 मिली तक सुबह और शाम लिया जा सकता है।
  • चूर्ण के रूप में– चूर्ण के रूप में इसकी करीब पांच से छह ग्राम तक मात्रा का उपयोग किया जा सकता है।

हरीतकी का उपयोग जानने के बाद अब हम हरीतकी के नुकसान से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।

हरीतकी (हरड़) के नुकसान – Side Effects of Haritaki in Hindi

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि हरीतकी को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। जल्दी फायदे के चक्कर में हरीतकी के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • इसमें मौजूद लैक्सेटिव प्रभाव (मल को पतला करने वाला) के कारण इसकी अधिक मात्रा दस्त की समस्या पैदा कर सकती है (2)।
  • वहीं, कुछ मामलों में इसकी अधिकता के कारण पेट में जलन और एसिडिटी की स्थिति पैदा हो सकती है (5)।
  • हालांकि, इस बात की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और पित्त की समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों को हरीतकी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

आयुर्वेद में हरीतकी को औषधीय गुणों का भंडार क्यों माना जाता है, इस बात को तो अब आप अच्छे से समझ ही गए होंगे। साथ ही आपको लेख के माध्यम से उन सभी समस्याओं के बारे में भी जानकारी मिल गई होगी, जिनमें हरीतकी का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है। ऐसे में अगर आप भी हरड़ खाने के फायदे पाना चाहते हैं, तो लेख में बताए गए तरीकों के अनुकूल ही इसे इस्तेमाल करें, लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि यह बताई गई समस्या में केवल राहत पहुंचा सकती है, उसे जड़ से खत्म नहीं कर सकती। वहीं, स्वस्थ व्यक्ति को बीमार होने से बचा सकती है। इसलिए, किसी भी समस्या के पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। साथ ही हरड़ के नुकसान पर ध्यान देना भी जरूरी है, ताकि हरीतकी का व्यापक लाभ मिल सके। इस संबंध में कोई अन्य सवाल हो, तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। हम वैज्ञानिक प्रमाण के साथ उसका जवाब देने का प्रयास करेंगे।

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33 True Facts About Love

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When you stop to think about love, you most probably picture couples cuddling, holding hands, or simply walking off into the sunset together. In fact, you may picture yourself falling in love with that special someone of your dreams. You may even have a list of things you want in your perfect partner. What’s interesting is that there are a lot of biological factors that occur during “falling in love.” In today’s era, love is overly romanticized. Hence, you most probably aren’t aware of these scientific/true facts about love.

Falling in love can be exciting. The sky is bluer. Colors look brighter. Obstacles vanish. The whole world seems to be a more beautiful place because of the new-found love. Although all of this is true, it is also true that some of those feelings are occurring because of chemicals released in the brain. Although the science of falling in love isn’t very romantic, it is actually quite fascinating. Let’s take a look at these lesser-known facts about love that prove that love is no lesser than a super.

33 Love Facts That Will Amaze You

33 Love Facts That Will Amaze You

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1. Love Facilitates A Longer Life

Along with love and marriage comes a longer life. According to a study that was published in the Journal of Marriage and Family, married individuals were 58% less likely to die over an 8-year period, compared to the ones who never got married (1).

2. Love And Lust Affect Different Areas Of The Brain

One-night stands do not automatically result in a fairy tale romance. Studies show that being in love activates those regions in the brain that are connected to empathy (2). However, lust is connected to different areas of the brain – mainly those associated with motivation and reward.

3. Red Roses Are The Official Flowers Of Love

Red Roses Are The Official Flowers Of Love

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Have you ever thought why roses are the chosen flowers for lovers? That’s because roses are considered the absolute favorite of Venus, the Roman goddess of love.

4. Love Really Makes You Do Crazy Things

Like making scenes, escaping from jail to see the person you love, or just acting plain silly. Do you know what happened to Joseph Andrew Dekenipp, who was a prisoner in Arizona? He broke out of jail just so he could meet his girlfriend for Valentine’s Day.

5. The World’s Longest Marriage Was For 86 Years

If you often complain that true love doesn’t exist, just look up Herbert and Zelmyra Fisher. This couple holds the record for the longest marriage in history, having been married for a staggering 86 years, 290 days.

6. Love Makes You More Empathetic And In Tune With Your Emotions

When you find the one who makes you strive to be the best version of yourself, your brain also responds accordingly. According to a study published in Cognitive, Affective & Behavioral Neuroscience, a science journal, the social connection that comes with being in a happy relationship activates those parts of the brain that are responsible for emotional processing and selflessness (3).

7. Love Develops In Phases

Anyone who’s ever experienced love knows that it develops in phases. It increases in intensity gradually. It begins with an obsession that gradually mellows out into a more mature and understanding love.

8. Love Lowers Your Blood Pressure

Love Lowers Your Blood Pressure

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Those who have high blood pressure, also known as hypertension, know of its association with everything from stroke to heart disease. Fortunately, according to a study published in Annals of Behavioral Medicine, being happily married can lead to lowered blood pressure (4). Go and kiss your partner for keeping you healthy!

9. Love Helps You Heal Faster

Having your hubby by your side when you are injured or sick doesn’t just get you emotional support. When partners share a close bond, injuries heal way faster when compared to those who are in an openly aggressive relationship with each other.

10. Men Fall In Love Faster Than Women

A study published in The Journal of Social Psychology states that men take the first step when they fall in love (5). They are mostly the ones who say “I love you” first in a relationship. This may be because females are more scared of being heartbroken.

11. Being In Love Reduces Headache Frequency By Half

If you have chronic headaches and have never found something to ease the pain, love might be what you have been looking for.

Researchers at the Stanford University School of Medicine found that 50% of participants having a headache reported their pain to be cut in half after around four hours when they were administered a nasal spray with a dose of oxytocin, the love hormone (6). An additional 27% stated that there was no pain at all after the same duration.

12. Love And Laughter Go Together

Love And Laughter Go Together

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If you want to be closer to your partner, watch a new comedy series together. In a study published in Personal Relationships, researchers stated that couples who laughed together were more satisfied in their relationship and more supportive of each other when compared to those who were sharing a serious relationship (7).

13. Long Distance Can Strengthen A Relationship

People often say that long distance relationships can’t and don’t work, but research says otherwise. According to a study published in the Journal of Communication, long-distance relationships are not only as successful as regular relationships, but they are also better at building trust between partners (8).

14. Being In A Relationship Can Shape Your Personality In A Positive Way

Pessimistic people are known to change for the better when they find a little bit of love in their life. A study published in the Journal of Personality observed 245 young couples for around nine months (9). The scientists found that neurotic partners in a relationship became more self-confident and optimistic, thanks to all the positive experiences and emotions that come with being in a relationship.

15. Love Can Ease Chronic Pain

Love isn’t going to replace modern medicine any time soon. However, it can come in handy if you ever experience serious pain. In a study conducted by the Stanford University School of Medicine, researchers found that the warm and fuzzy feeling that love creates has the same response in the brain as strong painkillers do (10).

16. Cuddling Is Actually Good For You

There’s a good reason that couples love those snuggle sessions so much. Cuddling triggers the release of oxytocin, the happiness hormone, that betters your mood and increases your feeling of well-being. This phenomenon is so well-known that oxytocin is actually referred to as the “love hormone” or the “cuddling hormone.”

17. Love Is Chemically Addictive

Love Is Chemically Addictive

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Romantic love is a very powerful addiction. This is because the hormones that your brain releases when you fall in love or are in love are euphoric. In fact, you may get so high that it can make you feel addicted to love as well as to the person you are in love with.

18. Love Is The Number One Reason Why People Get Married

More than 60% of the world’s population cited love as the reason they got married. The rest stated that financial stability was also an important factor.

19. The Heartbeats Of Couples Synchronize

When you and your partner gaze into each other’s eyes, what’s really happening is that your heart rates are syncing up. This has been stated by scientists at the University of California (11). The researchers have found that the couple’s heart rates were almost identical. This may be because of the strong link between couples on both physical and emotional levels.

20. Animals Commit To Monogamous Relationships As Well

Humans are not the only species in the animal kingdom that have monogamous relationships. Wolves, seahorses, beavers, otters, and barn owls are just a few of the other species that mate for life.

21. Hugging Your Partner Can Be An Instant Stress Reliever

Feeling extremely stressed? Hug it out with your lover. According to a study conducted by the University of North Carolina, psychiatrists found that when couples hugged, they had increased levels of oxytocin in their bodies (12). As mentioned before, oxytocin lowers stress levels and boosts mood. If you are having a rough day, doctors prescribe a long, tight hug!

22. Falling In Love Feels Like Being On Drugs

According to a study, that feeling of joy and euphoria you experience when you fall in love is essentially the same feeling that drug users experience (13). Both incidents trigger the release of hormones like adrenaline, dopamine, and oxytocin, giving you a real high.

23. It Can Only Take Up To 4 Minutes To Feel Attracted To Someone

It Can Only Take Up To 4 Minutes To Feel Attracted To Someone

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If you wish to make a good impression on a person, you only have about 4 minutes to do so. It is believed that it has more to do with the tone and speed of your voice and your body language than what you actually say.

24. Both Guys And Girls Must Have Required Testosterone Levels For Sexual Attraction

Yes, even girls have small amounts of testosterone in their bodies. Testosterone is responsible for creating desire as well as aggressive behavior – which actually pushes the person to pursue the object of this desire.

25. Being In Love Has Neurological Effects Same As That Of Cocaine

Being in love is almost like taking a dose of cocaine. Both experiences affect the brain in a similar way and trigger a similar sensation. Researchers have found that being in love can result in the production of several euphoria-inducing chemicals, which stimulate 12 areas of the human brain at the same time (14).

26. Couples Who Are Very Similar To Each Other Are Not Likely To Last

As everyone knows, opposites attract. Research also proves that this is at least partially true. Partners who are too similar or too different don’t last very long. There must be similarities, but there also have to be differences so that the two of you can learn from one another.

27. Heartbreak Is Real

Heartbreak Is Real

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There is evidence that severe traumatizing events, such as a divorce, death of a loved one, break-up, physical separation, cheating, or betrayal, can cause real physical pain in the area of the heart. This condition is known as Broken Heart Syndrome (15).

Intense emotional distress triggers the brain to release certain chemicals that weaken one’s heart, leading to shortness of breath and chest aches. The condition is so intense that it is often misdiagnosed as a heart attack. It affects women more often than men.

28. People Who Are In Love Have Chemical Reactions Similar To People With OCD

People in the early stages of love have lower levels of the hormone serotonin, which is directly associated with feelings of well-being and happiness. They also have higher levels of cortisol, which is associated with stress. This is very similar to those people who have OCD or Obsessive-Compulsive Disorder.

This explains why we don’t behave like ourselves when we fall for someone. It works the other way as well – people who have lower levels of serotonin tend to fall in love and get involved in sexual relationships quicker than others.

29. Butterflies In The Stomach Are Real – They Are Caused By Adrenaline

When you fall in love with someone, you can feel the butterflies dancing, flying, and fooling around in your tummy every time you see your special someone. They are caused due to adrenaline, which is released in your body as a flight or fight response.

30. Dilated Pupils Show That You Are Attracted To Someone

Darwin has stated that pupils expand during heightened focus and attention. This is true indeed, as this mostly occurs when people gaze at a beloved one or an object of desire, even if it is only a video or a picture. Moreover, people who have dilated pupils look more attractive to others as well.

31. People Are Attracted To Those With A Different Immune System

People Are Attracted To Those With A Different Immune System

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If this isn’t weird, we don’t know what is. This was observed during a study run by Claude Wedekind of the University of Switzerland. He had female test subjects smell worn T-shirts of men (16). They consistently preferred the smell of those men’s shirts whose immune systems were different than their own.

32. Some People Can’t Feel Love

Some people who claim never to have fallen in love or felt romantic love are affected by a condition called hypopituitarism, which is a rare disease that doesn’t allow people to feel the high of love.

33. Your Body Has A “Vein Of Love”

Why are engagement rings worn on the fourth finger of the left hand? That is because the ancient Greeks believed that that finger has the vena amoris, or the “vein of love,” that connects straight to the heart. So romantic!

Love and attraction are complex things and, at times, frankly weird. It can be difficult to navigate through the early feelings, so why not jump in totally and experience the high? When looking objectively at your love life, note the things you dislike, make plans to change them, and move forward. You have only got a single chance to live life on your own terms. You already have everything you need to achieve complete happiness and love in your life, so don’t be afraid of it. You just need to reach out and grab it. All the best!

16 sources

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हिप्स कम करने के उपाय और एक्सरसाइज – How to Reduce Hips In Hindi

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सुंदर और सुडौल शरीर की चाहत हर किसी को होती है, लेकिन शारीरिक गतिविधियों के अभाव और अनियंत्रित जीवनशैली के कारण ऐसा नहीं हो पाता। ये स्थितियां शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे पेट, कमर और जांघ के साथ हिप्स के आसपास फैट जमा होने का कारण बन सकती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि कम वेस्ट-टू-हिप (कमर से हिप्स का क्षेत्र) रेश्यो वाली महिलाओं को अन्य की तुलना में शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ माना गया है (1)। स्टाइलक्रेज के इस लेख हम हिप्स कम करने के लिए एक्सरसाइज और इसके घरेलू उपाय के बारे में बात करेंगे। हिप्स कम करने के लिए घरेलू उपाय के साथ-साथ संतुलित आहार और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।
लेख के पहले भाग में जानिए कि हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपायों का उपयोग किस तरह किया जा सकता है।

हिप्स कम करने के लिए घरेलू उपाय- Remedies For Reducing Hips In Hindi

घरेलू नुस्खों का उपयोग पूरे शरीर की चर्बी कम करने के लिए किया जाता है, जिससे हिप्स पर मौजूद अनावश्यक फैट से राहत पाने में भी मदद मिल सकती है।

1. नारियल का तेल

विधि :

  • खाना बनाने में नारियल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।

कैसे काम करता है :

नारियल तेल एक प्रकार का मीडियम चैन फैटी एसिड होता है। यह फैट को पचाने में मदद करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है (2)। शोध में पाया गया है कि डाइटरी नारियल तेल का सेवन, खासकर पेट और उसके आसपास के क्षेत्रों के फैट को कम करने में मदद कर सकता है। यह अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित कर फैट को कम करने में मदद कर सकता है (3)। यह तेल खासकर हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में कितना लाभदायक है, फिलहाल यह कहना मुश्किल है।

2. नींबू पानी से करें दिन की शुरुआत

विधि :

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधे नींबू का रस मिला कर रोज सुबह पिएं।

कैसे काम करता है :

नींबू पानी हिप्स कम करने के घरेलू उपाय के रूप में काम कर सकता है। नींबू शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और अनावश्यक फैट को निकालने में मदद कर सकता है। साथ ही कैलोरी को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है। वजन नियंत्रित करने के साथ-साथ यह हृदय रोग का खतरा कम करने में भी मदद कर सकता है (4)।

3. सेब का सिरका करे मदद

विधि :

हिप्स कम करने के घरेलू उपाय के रूप में सेब के सिरके का सेवन दो तरीके से किया जा सकता है:

  • एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिला कर पिएं। आप चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
  • दो चम्मच मेथी दाने को रात भर के लिए एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह पानी को छान लें और उसमें एक चम्मच सेब का सिरका मिला कर पिएं।

कैसे काम करता है :

वजन कम करने में सेब का सिरका मददगार साबित हो सकता है। माना जाता है कि सेब का सिरका मधुमेह व हाई कोलेस्ट्रोल जैसी शारीरिक समस्याओं के साथ वजन को कम करने में भी मदद कर सकता है (5)। हालांकि, यह किस तरह लाभदायक होगा, इस पर अभी कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।

4. कॉफी से फायदा

विधि :

  • हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में खाना खाने से आधे घंटे पहले ब्लैक कॉफी का सेवन कर सकते हैं।

कैसे काम करता है :

कैफीन थर्मोजेनेसिस और फैट ऑक्सीडेशन (फैट बर्न करने की प्रक्रिया) की मदद से शरीर में मौजूद अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद मिल सकती है। कैफीन का सेवन बॉडी वेट, टोटल फैट और खासकर कमर के आसपास का फैट कम करने में मदद कर सकता है (6)। अगर किसी को ब्लैक कॉफी का स्वाद पसंद नहीं है, तो हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में बिना शक्कर और कम दूध वाली कॉफी का सेवन किया जा सकता है।
नोट: ध्यान रखें कि कॉफी का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें, नहीं तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं।

5. ग्रीन टी पिएं

विधि :

  • हिप्स कम करने के घरेलू उपाय के लिए एक कप पीने योग्य गर्म पानी में एक ग्रीन टी बैग को डालें और उसका सेवन करें।

कैसे काम करता है :

ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के घरेलू उपाय में शामिल है। यह फैट ऑक्सीडेशन में मदद कर सकता है, जिससे टोटल बॉडी वेट कम करने में मदद मिल सकती है। वहीं, मनुष्यों पर इसके वजन से संबंधित प्रभाव को लेकर शोध का अभाव है (7)।

इससे अतिरिक्त, ब्लैक कॉफी की तरह ग्रीन टी भी थर्मोजेनेसिस और फैट ऑक्सीडेशन (फैट बर्न करने की प्रक्रिया) की मदद से फैट बर्न और पूरे शरीर का वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकती है (6)। हालांकि, हिप्स कम करने के घरेलू उपाय के रूप में यह कितनी उपयोगी साबित होगी, यह कहना मुश्किल है।

हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपाय के साथ, कुछ अन्य टिप्स को भी ध्यान में रखने से फायदा मिल सकता है।

हिप्स कम करने के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips For Hip Loss in Hindi

1. भरपूर पानी पिएं

विधि :

  • एक दिन में लगभग दो से तीन लीटर पानी पिएं (8)।

कैसे काम करता है :

अधिक पानी पीने को भी हिप्स कम करने के घरेलू उपाय में शामिल किया जा सकता है। ज्यादा पानी पीने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है, जिससे मूत्रस्त्राव की दर बढ़ती है (Increased Urine Output)। ऐसा होने से मूत्र के माध्यम से शरीर में मौजूद अतिरिक्त यूरिया बाहर निकल जाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है। शरीर में पानी की मात्रा अधिक होने से मेटाबॉलिज्म दर भी बढ़ती है, जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह किस तरह से काम करता है, इस बारे में अभी साफ तौर पर बताना मुश्किल है (9) (10)।

2. आराम करने से

विधि :

  • आठ घंटे की भरपूर नींद लें।

कैसे फायदा होता हैं :

वजन कम करने के लिए जितना जरूरी एक्सरसाइज करना है, उतना ही जरूरी आराम करना भी है। शोध से पता चला है कि नींद की कमी से खाने की इच्छा बढ़ती है, जिस वजह से व्यक्ति ज्यादा और अनियमित रूप से खाता है। यह वजन बढ़ने का एक कारण हो सकता है। साथ ही नींद की कमी उन सभी हॉर्मोन्स को प्रभावित करती है, जो शरीर में भूख को नियंत्रित करने का काम करते हैं (11)। इस शोध की वजह से यह कहा जा सकता है कि भरपूर और सही समय पर नींद लेने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन खासतौर पर हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपाय में यह किस तरह काम करेगा, यह कहना मुश्किल है।

3. तनाव और चिंता से रहें दूर

विधि :

  • वो सब कुछ करें, जो आपको तनाव से दूर रहने में मदद करें। आप अपना कोई भी मनपसंद काम कर सकते हैं, जैसे गाने सुनना, किताब पढ़ना, व्यायाम करना या दोस्तों से मिलना (12)।

कैसे काम करता है :

क्या आप जानते हैं कि तनाव भी वजन बढ़ने का एक कारण बन सकता है। तनाव का प्रभाव खाने की आदतों पर भी पड़ता है, जिसमें व्यक्ति अनियंत्रित रूप से खाना खाता है और शरीर का वजन बढ़ सकता है। अगर तनाव पर नियंत्रण पा लिया जाए, तो स्ट्रेस की वजह से बढ़ने वाले वजन पर काबू पाया जा सकता है। दरअसल, तनाव को मैनेज करने से बॉडी मास इंडेक्स को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इस वजह से यह कहा जा सकता है कि स्ट्रेस मैनेजमेंट वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (13) (14)।

यहां आपने जाना कि हिप्स कम करने के घरेलू उपाय की मदद से उन्हें आकार में कैसे लाया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ और सुडौल रखने के लिए सही खाने और सही आदतों के साथ कुछ एक्सरसाइज करना भी जरूरी है। लेख के अगले भाग में जानिए हिप्स कम करने की एक्सरसाइज के बारे में।

हिप्स कम करने के लिए एक्सरसाइज – Hip Loss Exercises At Home In Hindi

हिप्स कम करने की एक्सरसाइज बहुत आसान हैं और उन्हें घर में ही किया जा सकता है। किसी भी प्रकार की मोच या चोट से बचने के लिए इन एक्सरसाइज को करने से पहले वार्मअप करना न भूलें।

1. स्क्वाट्स

स्क्वाट्स

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हिप्स कम करने की एक्सरसाइज में सबसे पहला नाम स्क्वाट्स का आता है। स्क्वाट्स एक्सरसाइज क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग (जांघ की मांसपेशियों) और ग्लूट्स (हिप्स की मांसपेशियां) को मजबूत बनाने का काम करती है। इससे हिप्स की मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है, उन्हें आकर में लाने में मदद मिलती है और शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। स्क्वाट्स को नीचे बताए गए तरीके से किया जा सकता है (15):

  • दोनों पैरों को कंधों के बराबर चौड़ाई में रख कर सीधे खड़े हो जाएं।
  • अपने हाथों को बिना मोड़े कंधे के समानांतर सामने की ओर सीधा कर लें।
  • अब अपने घुटनों को मोड़कर कुर्सी पर बैठने जैसी पोजीशन बनाएं और इस दौरान सांस अंदर लें।
  • लगभग 10 डिग्री तक सामने की ओर झुकें और हिप्स को पीछे की ओर ले आएं।
  • ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी और शरीर टाइट रहना चाहिए।
  • लगभग 10-15 सेकंड इस पोजीशन में रहने के बाद सीधे खड़े हो जाएं।
  • इस प्रक्रिया को लगभग 10 मिनट तक दोहराएं।

2. साइड लंजेस

साइड लंजेस

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साइड लंजेस एक्सरसाइज से पेल्विक और हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत बनाए में मदद मिलती है। ये ग्लूटिअस मेडिअस (Gluteus Medius) नाम की मांसपेशी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती हैं, जिसके कमजोर होने से कमर दर्द और निचले शरीर से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती है (16)। हिप्स कम करने के लिए एक्सरसाइज में साइड लंजेस को इस प्रकार किया जा सकता है :

  • सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
  • दोनों पैरों को कंधों की चौड़ाई के बराबर रखें और तलवों को जमीन से चिपका कर रखें।
  • हाथों को जोड़ कर सामने की ओर करें।
  • अब ऊपर दी गई फोटो की तरह दाहिने पैर को दाहिनी तरफ फैलाएं और उस ओर झुकें।
  • इस दौरान बाएं पैर को सीधा रखें और अपनी जगह से न उठाएं।
  • इस पोजीशन में लगभग 10 सेकंड के लिए ठहरे और फिर प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • अब इस प्रक्रिया को बाएं पैर से दोहराएं।

3. स्टेयर क्लाइम्बिंग

स्टेयर क्लाइम्बिंग

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हिप्स कम करने के लिए एक्सरसाइज में लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इससे हिप्स की मांसपेशियों का मूवमेंट बढ़ता है और फैट कम करने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस पर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसे एक्सरसाइज की तरह भी उपयोग किया जा सकता है। आप दिन में दो बार सीढ़ियों के लगभग तीन से चार चक्कर लगा सकते हैं।
हिप्स कम करने की एक्सरसाइज के साथ-साथ आहार में सही खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी जरूरी है, जो फैट कम करने में मदद कर सकते हैं। लेख के अगले भाग में जानिए कि हिप्स कम करने के लिए डाइट में किस तरह के बदलाव करना जरूरी है।

हिप्स कम करने के लिए डाइट में करें बदलाव – Change Your Diet For Reducing Hips In Hindi

हिप्स को कम करने के लिए कोई विशेष डाइट प्लान नहीं है, लेकिन नीचे बताए गई बातों को ध्यान में रखकर वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (17)।

  • अपने आहार में हरी सब्जियों, फल और साबुत अनाज को शामिल करें।
  • फाइबर से भरे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ये वजन कम करने में मदद करते हैं।
  • कैलोरी और फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे जंक फूड व डीप फ्राई आहार आदि का सेवन न करें।
  • कैंडी, कूकीज, केक और अन्य शक्कर वाले खाद्य पदार्थ खाने से बचें।
  • कोल्ड ड्रिंक या कोई भी अन्य अप्राकृतिक एनर्जी ड्रिंक आदि पीने से बचें। ये शक्कर से भरपूर होती हैं।
  • एक साथ बहुत सारा खाने की जगह हर दो घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाएं।
  • किसी भी समय का खाना न छोड़ें।हिप्स के आसपास चर्बी का जमा होना एक स्वस्थ शरीर का संकेत नहीं हैं। ऐसे में हिप्स की चर्बी कम करने के लिए घरेलू उपाय, एक्सरसाइज और सही आहार का सेवन करने से मदद मिल सकती है। लेख में बताई गईं हिप्स कम करने के लिए एक्सरसाइज आपको इस अवांछित फैट से छुटकारा पाने में मदद कर सकती हैं। ध्यान रखें कि एक्सरसाइज के साथ संतुलित आहार भी बहुत जरूरी है। तो आज से ही लेख में बताए गए उपायों का पालन करना शुरू करें और स्वस्थ-सुडौल शरीर की तरफ अपने कदम बढ़ाएं।

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कैमोमाइल चाय के फायदे और नुकसान – Chamomile Tea Benefits and Side Effects in Hindi

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हमारे दैनिक जीवन में चाय जरूरी पेय पदार्थों में से एक है। बाजार में आम चाय के अलावा भी अलग-अलग प्रकार की चाय मिलती हैं, जैसे – लेमन टी, मिंट टी व जिंजर टी आदि और ऐसी ही है कैमोमाइल चाय। इसका नाम अगर आपने पहले न सुना हो, तो हम बता दें कि इसे कैमोमाइल नामक फूलों की मदद से बनाया जाता है। जितना खूबसूरत यह पीला और सफेद रंग का फूल होता है, उतने ही कमाल के कैमोमाइल चाय के गुण भी होते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सेहत के लिए इस चाय के फायदों के बारे में बता रहे हैं, जो स्वस्थ रखने या फिर बीमारी की अवस्था में लक्षणों से राहत पाने में मदद कर सकते हैं। इस लेख में आप कैमोमाइल चाय के नुकसान के बारे में भी जान पाएंगे, जो इसका सही ढंग से उपयोग न करने से हो सकते हैं।

आइए, सबसे पहले यह जान लें कि आखिर यह कैमोमाइल चाय होती क्या है। 

कैमोमाइल चाय क्‍या है? – What is Chamomile Tea in Hindi 

जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है कि कैमोमाइल चाय को कैमोमाइल नामक फूलों को सुखा कर और पानी में उबाल कर बनाया जाता है। इसे पुरातन काल से चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह कैमोमाइल के एक प्रकार से बनाई जाती है, जिसे जर्मन कैमोमाइल या मैट्रिकारिया कैमोमिला (Matricaria chamomilla) कहते हैं। कैमोमाइल चाय के टी बेग्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, जिन्हें साधारण ग्रीन टी की तरह उपयोग किया जा सकता है। कैमोमाइल चाय के गुण जैसे एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, हीलिंग गुण व इसमें मौजूद कई अन्य प्रकार के फ्लेवोनोइड और पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसे पारंपरिक औषधि के रूप में जख्म भरने, अर्थराइटिस, जलन व स्किन से जुड़ी आदि समस्याओं के लिए उपयोग किया जा सकता है (1)।

कैमोमाइल टी के फायदे के बारे में जानिए लेख के अगले भाग में।

कैमोमाइल चाय के फायदे – Benefits of Chamomile Tea in Hindi

1. एंग्जायटी से राहत और बेहतर नींद में करे मदद

कैमोमाइल चाय में मौजूद एपिजेनिन (apigenin) नामक फ्लेवोनोइड में नींद का प्रभाव बढ़ाने वाले सेडेटिव प्रभाव (sedative effects) मौजूद होते हैं, जो बेहतर नींद लाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही कैमोमाइल चाय में दिमाग को शांत करने वाले एंटीकन्वल्सेंट (anticonvulsant) गुण भी पाए जाते हैं। 10 लोगों पर किए गए एक शोध में पाया गया है कि कैमोमाइल चाय का सेवन करने के बाद लोग लगभग डेढ़ घंटे की गहरी नींद लेने में सफल रहे (1)।

कैमोमाइल टी के फायदे चिंता (एंग्जायटी) से आराम पाने में भी मिल सकते हैं। हाल ही में किए गए एक शोध में यह पता चला है कि इसमें एंटीएंग्जायटी गुण पाए जाते हैं, जो चिंता से राहत पाने में मदद कर सकते हैं। यह हल्के से लेकर मध्यम जनरलाइज्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (1)। इसके अलावा, कैमोमाइल चाय महिलाओं में प्रसव के बाद अवसाद या नींद न आने की समस्या को भी कम करने में मदद कर सकती है (2)।

2. डायरिया और पेट संबंधी समस्याओं से आराम

पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस, कॉलिक व अपच आदि बच्चे और बड़ों दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इनसे राहत पाने के लिए कैमोमाइल चाय के फायदे मिल सकते हैं। कैमोमाइल चाय पेट की उस मांसपेशियों को रिलैक्स करती है, जो खाने को आंत तक ले जाती है। इस प्रकार यह गैस से राहत दिलाने और पेट को आराम पहुंचाने में मदद कर सकती है। कैमोमाइल चाय पेट में अल्सर फैलाने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया को भी पनपने से रोकती है, जिससे अल्सर का खतरा कम हो सकता है (1)।

कैमोमाइल चाय के गुण बच्चों और बड़ों में डायरिया के लक्षण को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। सौंफ, मिंट, लिकोरीस और वर्वेन जैसी अन्य हर्ब को मिलाकर, इसकी चाय का सेवन करने से डायरिया को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (1)।

3. मधुमेह और ग्लाइसेमिक नियंत्रित करे

कैमोमाइल टी के फायदे की बात करें, तो यह शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित कर मधुमेह से बचाए रखने में मदद कर सकती है। यह शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ लिवर में ग्लाइकोजन के प्रभाव को बढ़ाती है और लाल रक्त कोशिकाओं में सॉर्बिटॉल नाम शुगर कंपाउंड को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा, कैमोमाइल चाय शरीर में इंसुलिन का स्तर बनाए रखने में मदद करती है, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। कैमोमाइल चाय शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से अग्न्याशय (pancreas) की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाली क्षति से भी बचाती है (1)। यह शरीर में खराब कॉलेस्ट्रोल (LDL) को कम करने और इंसुलिन का प्रभाव बढ़ाने में भी मदद करती है। इस प्रकार यह चाय ग्लाइसेमिक नियंत्रण में भी मदद करती है (3)।

4. एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध

क्रोनिक इन्फ्लेमेशन (Chronic inflammation) शरीर के अंदर हुई सूजन को कहा जाता है, जो टिश्यू या सेल्स को क्षति पहुंचा कर कैंसर जैसी बीमारियों तक का कारण बन सकती है। यह सूजन शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने की वजह से हो सकती है। इस सूजन को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी एंटीइन्फ्लेमेटरी एजेंट की आवश्यकता होती है। कैमोमाइल चाय के फायदे में यह भी शामिल है कि इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड एंटीइंफ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम करते हैं। यह चाय शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रभाव को कम करती है और इन्फ्लेमेशन से आराम दिलाने में मदद कर सकती है (4)।

5. हड्डियों को मजबूत बनाए

ऑस्टियोपोरोसिस बढ़ती उम्र के साथ होने वाली ऐसी बीमारी होती है, जिसमें हड्डियां पोषण खोकर कमजोर होने लगती है। इस समस्या में हड्डियों के आसानी से टूट जाने का खतरा रहता है। ऐसे में हड्डियों को कमजोर होने से रोकने के लिए सेलेक्टिव एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्यूलेटर (selective estrogen receptor modulators) का उपयोग किया जाता है। कैमोमाइल टी के फायदे एंटी-एस्ट्रोजेनिक प्रभाव पैदा करते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं (1)।

6. कैंसर से बचाए

कैमोमाइल चाय के फायदे में कैंसर को होने से रोकना भी शामिल है। इसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर फैलाने वाले कोशिकाओं को पनपने से रोकते हैं। इसमें कई तरह के फेनोल्स और फ्लेवोनोइड भी मौजूद होते हैं, जो कैंसर का खतरा कम करने में मदद कर सकते हैं (5)। कैंसर के लिए कैमोमाइल चाय का सेवन करते समय ध्यान रखें कि यह ऐसी बीमारी है, जो प्राणघातक भी साबित हो सकती है। इसलिए, कैंसर से पीड़ित मरीज को डॉक्टर से उचित इलाज जरूर करवाना चाहिए। वहीं, डॉक्टर की सलाह पर कैमोमाइल चाय का सेवन भी किया जा सकता है।  कैमोमाइल चाय के गुण के तहत यह कैंसर के लक्षण को कम करने में भी मदद कर सकती है।

7. दिल को स्वस्थ रखे 

शरीर में कोलेस्ट्रोल और खून में शुगर का स्तर बढ़ना, हृदय रोग के सबसे बड़े कारण माने जाते हैं। ऐसे में हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की सलाह दी जाती है (6)। जैसा कि हम लेख में पहले भी बता चुके हैं कि कैलोमाइल चाय खून में शुगर के स्तर को और खराब कोलेस्ट्रोल (LDL) को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है (7)। इस प्रकार कैमोमाइल चाय के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखने को भी शामिल किया जा सकता है।

8. त्वचा के लिए कैमोमाइल टी के फायदे 

कैमोमाइल टी के फायदे त्वचा को स्वस्थ रखने में भी देखे जा सकते हैं। कैमोमाइल चाय त्वचा को कई प्रकार की इरिटेशन जैसे स्किन रैशेज, सनबर्न और कई प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से भी राहत दिला सकती है। एंटीइन्फ्लेमेटरी होने के कारण यह त्वचा पर किसी वजह से हुई सूजन को कम करने में भी मदद कर सकती है। कैमोमाइल के गुण त्वचा के कैंसर से बचाए रखने में भी लाभदायक साबित हो सकते हैं (1)।

कैमोमाइल चाय के गुण जानने बाद अब इसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बात करते हैं।

कैमोमाइल चाय के पौष्टिक तत्व – Chamomile Tea Nutritional Value in Hindi

कैमोमाइल चाय में विभिन्न तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनके बारे में हम नीचे एक टेबल के जरिए बता रहे हैं (8):

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी 99.7 ग्राम
ऊर्जा 1 kcal
कार्बोहाइड्रेट 0.2 ग्राम
मिनरल्स
कैल्शियम 2 मिलीग्राम
आयरन 0.08 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 1 मिलीग्राम
पोटैशियम 9 मिलीग्राम
सोडियम 1 मिलीग्राम
जिंक 0.04 मिलीग्राम
कॉपर 0.015 मिलीग्राम
विटामिन
थायमिन 0.01 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.0004 मिलीग्राम
फोलेट 1 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए 1 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, बीटा 12 माइक्रोग्राम
लिपिड्स
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.002 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.001 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.005 ग्राम

लेख के इस भाग में हम कैमोमाइल चाय के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

कैमोमाइल चाय के नुकसान – Side Effects of Chamomile Tea in Hindi 

सावधानी से सेवन न करने से कैमोमाइल टी के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (9)।

  • अगर किसी को डेजी परिवार (Compositae family) के फूलों से एलर्जी है, तो कैमोमाइल टी से भी एलर्जी हो सकती है। इससे त्वचा पर रैशेज और फेफड़ों में सूजन हो सकती है, क्योंकि कैमोमाइल भी इसी परिवार का हिस्सा है।
  • गर्भवती महिला को भी कैमोमाइल टी के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था में कैमोमाइल टी का सेवन करने से यूरिन मसल्स टाइट हो सकती हैं। इससे गर्भवती और गर्भ में पल रहे भ्रूण को नुकसान हो सकता है, जैसे यूटेराइन कॉन्ट्रेकशन (uterine contractions) (9)। इस समस्या में यूटेराइन की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। इससे गर्भाशय ग्रीवा (cervix) पतली होने लगती है और भ्रूण समय से पहले गर्भ से निकल सकता है (10)।
  • कैमोमाइल चाय खून को पतला करने का काम करती है। इसलिए, जो लोग खून को पतला करने वाली दवाइयों का सेवन करते हैं, उन्हें कैमोमाइल चाय के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे लोग डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख के जरिए कैमोमाइल चाय के बारे में लगभग सभी जानकारियों मिल गई होंगी। फायदों के साथ-साथ कैमोमाइल चाय के नुकसान के बारे में भी अच्छी तरह समझ आ गए होंगे। बेशक, कैमोमाइल चाय के गुण सेहत के लिए फायदेमंद हैं और शरीर को कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इसे मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं माना जा सकता। किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए सही आहार व डॉक्टर इलाज की भी जरूरत होती है। आप कैमोमाइल चाय को अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करें और हमें बताएं कि आपको इससे किस प्रकार फायदा हुआ। आप अपने विचार नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।

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The 10 Most Controversial Things Bollywood Actors Have Said

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Bollywood actors are often known for making problematic statements about each other and propagating ‘cattiness’. At this point, Bollywood is pretty much the same as any other business, with actors often having clashing feelings towards each other. So while you and I like to talk about our managers and associates behind their backs, actors also feel the need to vent out! Unfortunately, since they are always in the limelight, their statements make it to the public eye. Here is a list of 10 controversial comments said by actors:

1. Priyanka Chopra’s Reply To An Alleged Diss By Kareena Kapoor

Priyanka Chopra’s Reply To An Alleged Diss By Kareena Kapoor

While advertising her 2012 film Heroine, Kareena Kapoor at an event said that Heroine would fare more superior at the box office to Madhur Bhandarkar’s award-winning Fashion featuring Priyanka Chopra. Kareena’s statement didn’t sit well with Priyanka, and the National Award-winning actress chose to give it back to Kareena abruptly. Priyanka replied back savagely, “Well, I guess if you don’t have one (national award), then it’s just sour grapes, you know. What do I say?”

2. Sonam Kapoor’s Answer To Shobha De’s Unwarranted Comments

Sonam Kapoor’s Answer To Shobha De’s Unwarranted Comments

The feature writer and actress got into a heated argument after she remarked on Sonam’s attractiveness while alluding to her lingerie photoshoot, the actress let loose about the writer via social media. The actress stated “Guys pls don’t take Shobhaa De seriously. She’s a fossil who’s getting no action and going through menopause.”

3. Deepika Padukone On Ranbir Kapoor During Koffee With Karan

Deepika Padukone On Ranbir Kapoor During Koffee With Karan

While Deepika Padukone might speak candidly about how she and Ranbir are now good pals, her appearance on Karan Johar’s chat show in 2010 suggested otherwise. In response to KJo’s question of what she’d want to gift ex-flame Ranbir Kapoor, Deepika unabashedly stated, “I’d like to gift a pack of condoms to Ranbir because he uses them too much.”

4. Kareena Kapoor On Being Compared To Aishwarya Rai

Kareena Kapoor On Being Compared To Aishwarya Rai

Some reports had claimed that before Kareena Kapoor was offered the lead role in the movie, Heroine, Aishwarya Rai has been approached but had to leave due to her pregnancy. When Kareena was later asked about the same and even compared to Aishwarya during a press conference, she stated: “There is no point in comparing me with Aishwarya, we’re from two different generations.”

5. Shahid Kapoor On Working With His Ex- Kareena Kapoor

Shahid Kapoor On Working With His Ex- Kareena Kapoor

While the ex-lovers have teamed up for many successful films in the past, including Jab We Met, the actor had a very quirky response to when he was quizzed about working with his ex. The actor stated, “If my director wants me to work with a cow or a buffalo, I am ready to do it.”

6. Anushka Sharma On Competition With Deepika Padukone

Anushka Sharma On Competition With Deepika Padukone

Anushka alleged that she was being hounded by calls from friends of Deepika making fun of Anushka for Yeh Jawaani Hai Deewani going into Deepika’s hands. Anushka responded to the ‘trash thrown at her’ in a meeting with a popular news agency and made statements that started a cold war between the two actresses. “I am Kashyap’s and Hirani’s choice. She is Ayan’s and whosoever. I never pull anybody down. That makes me nice, right?” the actress stated candidly.

7. Jaya Bachchan On The Spat Between Salman Khan And Shah Rukh Khan

Jaya Bachchan On The Spat Between Salman Khan And Shah Rukh Khan

sriyanofficialgroup / Instagram

Post the spat between the two biggest superstars of Bollywood, the usually reclusive Jaya Bachchan came forth and bared her emotions during an interview. She stated that she still considers SRK to be her son but was extremely disgusted by his alleged snide remarks on her daughter in law, Aishwarya Rai Bachchan. Jaya said, “I would have slapped Shah Rukh if he had made any infamous statement about Aishwarya in my presence.”

8. Naseeruddin Shah On Farhan Akhtar’s Films

Naseeruddin Shah On Farhan Akhtar’s Films

Known for being one of the finest actors Bollywood has to offer, it took his fans by surprise when he passed a remark on Farhan Akhtar. During an interview, the veteran actor was quizzed on his taste for new-age actors and directors. The actor stated, “Farhan Akhtar films are the ones I clearly don’t care for.”

9. Aamir Khan Takes A Dig At Shah Rukh Khan In A Blog Post

Aamir Khan Takes A Dig At Shah Rukh Khan In A Blog Post

The competition between the three Khans that dominate Bollywood has consistently been a much-loved fodder for page-3 columnists. However, things went over the edge when the actors themselves started taking cheap potshots at each other. Aamir Khan took it to a new level of low by sharing an episode on his blog which insulted SRK fans as well as the actor himself. Aamir allegedly wrote, “Shah Rukh is licking my feet, and I am feeding him biscuits every now and then. What more can I ask for?”

10. Sonam Kapoor On Looks And Acting Skills

Sonam Kapoor On Looks And Acting Skills

sonamkapoor / Instagram

Sonam said on Koffee with Karan that it’s very typical for individuals to consider ‘glamorous actors’ as non-actors and shockingly received a nod of approval from her father while stating it. The actress said, “Just because one looks ugly, doesn’t mean he/she can act.”

Tell us what you think of this list. Were you stunned by the names involved in this list? Let us know in the comments below.

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जोड़ों में दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Joint Pain Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi

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जोड़ों में दर्द होना आम समस्या है। यह बढ़ती उम्र, खेलकूद के दौरान लचक या मोच और सोते समय मांसपेशियों के खिंचाव आदि के कारण ऐसा हो सकता है। हालांकि, जोड़ों का दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन अन्य बीमारियों का लक्षण जरूर हो सकता है (1)। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम जोड़ो में दर्द से जुड़े हर सवाल का जवाब जानने का प्रयास करेंगे। इस लेख में आप जोड़ों में दर्द के कारण और लक्षण के बारे में जानेंगे। इसके अलावा, जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार भी आपके साथ शेयर करेंगे। हां, अगर किसी की समस्या गंभीर है, तो इन उपायों के साथ-साथ मेडिकल ट्रीटमेंट व संतुलित आहार का सेवन करना भी जरूरी है।

लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि जोड़ों में दर्द का मतलब क्या होता है।

जोड़ों में दर्द क्या है? – What is Joint Pain in Hindi

जोड़ों में दर्द को चिकित्सकीय भाषा में अर्थ्राल्जिया कहा जाता है, जो एक साथ एक से ज्यादा जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। जोड़ों में दर्द अपने आप में किसी प्रकार की बीमारी नहीं है, बल्कि अन्य बीमारियों के लक्षणों में शामिल है (1)। कई प्रकार की परिस्थितियों में किसी जोड़ों या हड्डियों पर चोट लगने, सूजन या डीजेनरेटिव रोगों की वजह से जोड़ों का दर्द हो सकता है (2)। यह अर्थराइटिस, मांसपेशियों में समस्या या बर्साइटिस जैसी समस्याओं की वजह से भी हो सकता है (3)।

इनके अलावा, जोड़ों में दर्द के कारण कुछ और भी हो सकते हैं, जिनके बारे में लेख के अगले भाग में बताया गया है।

जोड़ों में दर्द के कारण – Causes of Joint Pain in Hindi

जोड़ों में दर्द के एक नहीं, बल्कि कई कारण हो सकते हैं, जैसे (3) :

  • रुमेटाइड गठिया (हड्डियों के टिश्यू में सूजन) या ल्युपस (एक प्रकार का ऑटोइम्यून रोग)
  • बर्साइटिस (हड्डियों और मांसपेशियों के बीच मौजूद तरल पदार्थ से भरी थैली में सूजन)
  • घुटनों के टिश्यू की क्षति (एंटीरियर नी पैन)
  • गाउट (खून में यूरिक एसिड बढ़ जाने से जोड़ों में सूजन)
  • वायरल संक्रमण
  • फ्रैक्चर
  • ऑस्टियोअर्थराइटिस
  • ऑस्टियोमाइलाइटिस (हड्डियों में संक्रमण)
  • सेप्टिक अर्थराइटिस (जोड़ों में संक्रमण)
  • टेंडन में सूजन
  • असाधारण तरीके से खिंचाव या मोच

जोड़ों में दर्द के कारण जानने के बाद, लेख के अगले भाग में जानिए जोड़ों में दर्द के लक्षण क्या हो सकते हैं।

जोड़ों में दर्द के लक्षण – Symptoms of Joint Pain in Hindi

जोड़ों के दर्द के लक्षण कुछ इस तरह से हो सकते हैं (3) :

  • सूजन
  • जोड़ों के आसपास गर्माहट महसूस होना
  • जोड़ों में नरमाहट आना
  • लालपन
  • जोड़ों के हिलाने पर दर्द होना

जोड़ों के दर्द के लक्षण को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपायों की सहायता ली जा सकती है। लेख के अगले भाग में जानिए कि जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार कैसे किया जा सकता है।

जोड़ों में दर्द के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Joint Pain in Hindi

जोड़ों का दर्द बढ़ने से पहले इसका मेडिकल ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। चिकित्सकीय इलाज के साथ-साथ नीचे बताए गए उपाय जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकते हैं।

1. मसाज

सामग्री :

  • लैवेंडर/ऑरेगैनो ऑयल की कुछ बूंदें

विधि  :

  • लैवेंडर/ऑरेगैनो ऑयल की कुछ बूंदों को प्रभावित जगह पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें।

कैसे काम करता है :

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, लैवेंडर ऑयल से की गई अरोमाथेरेपी मसाज ऑस्टियोअर्थराइटिस (घुटनों के दर्द) से आराम दिलाने में मददगार साबित हो सकती है (4)। जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार करने के लिए ऑरेगैनो ऑयल का उपयोग भी किया जा सकता है। ऑरेगैनो में मौजूद कारवाक्रोल नाम के मोनोटेरेपिक फिनोल कंपाउंड में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (5)।

2. हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस

सामग्री :

  • हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस बैग

विधि :

  • हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस बैग से प्रभावित हिस्सों की सिकाई करें।

कैसे काम करता है :

हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस की इस पद्धति को थर्मोथेरेपी कहा जाता है। इसमें जोड़ों में दर्द पर ठंड और गर्म दोनों का प्रभाव एक साथ पड़ता है। कोल्ड थेरेपी का प्रभाव जोड़ों के दर्द, सूजन और मांसपेशियों की अकड़न को कम करने का काम करता है। वहीं, हीट थेरेपी टिश्यू में इलास्टिसिटी को बढ़ाकर जोड़ों का दर्द कम करने में मदद करती है। ये दोनों ही थेरेपी शरीर में रक्त के संचार को बढ़ाती है, जिससे दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है (6)।

3. हल्दी

सामग्री :

  • एक चम्मच हल्दी
  • एक गिलास दूध

विधि :

  • एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी मिला कर पिएं।

कैसे काम करता है :

हल्दी को वर्षों से मसालों के साथ एक प्रभावी दवा के रूप में भी उपयोग किया जा रहा है। जोड़ों में दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन किया जा सकता है। इसमें करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है। यह एक एंटीइन्फ्लेमेटरी कंपाउंड होता है, जो जोड़ों में दर्द के लक्षण जैसे सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। सूजन के साथ यह दर्द को भी कम करने में मदद कर सकता है (7)।

4. एप्सम सॉल्ट

सामग्री :

  • दो कप एप्सम सॉल्ट
  • एक बाथटब गुनगुना पानी

विधि :

  • एक बाथटब गुनगुने पानी में दो कप एप्सम सॉल्ट मिला लें।
  • लगभग 15-20 मिनट तक इस बाथटब में बैठें।
  • बाद में साफ पानी से नहा लें।

कैसे काम करता है :

एप्सम सॉल्ट एक तरह का एनाल्जेसिक एजेंट, जो दर्द को कम करने का काम करता है। एप्सम सॉल्ट पानी में आसानी से घुल जाता है और मांसपेशियों के दर्द व अकड़न से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, एप्सम सॉल्ट वाले पानी में बैठने से जोड़ों की सूजन को कम करने में भी मदद मिल सकती है (8) (9)।

5. लसहुन

सामग्री  :

  • लसहुन की 10 कलियां
  • 5 चम्मच सरसों का तेल

विधि :

  • लसहुन की कलियों को सिलबट्टे की मदद से कूट लें।
  • एक छोटे पैन में सरसों का तेल डालें और उसमें कुचले हुए लसहुन को डालकर गर्म कर लें।
  • जब लसहुन का रंग भूरा हो जाए, तो गैस बंद कर दें और तेल को गुनगुना होने के लिए रख दें।
  • गुनगुना हो जाने के बाद इस लसहुन के तेल को प्रभावित जोड़ों पर लगभग 20 मिनट तक मसाज करें।
  • मसाज करने के बाद कुछ देर आराम करें।
  • आखिरी में गुनगुने पानी से नहा लें।

कैसे काम करता है :

लसहुन एलियम का हिस्सा है और शोध में पाया गया है कि इस परिवार की सब्जियां हिप्स जॉइंट के दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। लसहुन को कूटने या काटने से उसमें मौजूद एलीसिन (allicin) नाम का कंपाउंड एक्टिव हो जाता है। यह कुछ अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड के साथ मिलकर जोड़ों का दर्द कम कर सकता है, हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है (10)।

6. बिच्छु बूटी (नेटल लीफ)

विधि :

  • थोड़ी-सी ताजी बिच्छु बूटी को दर्द से प्रभावित जोड़ पर लगाएं।

कैसे काम करता है :

जोड़ो में दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए बिच्छु पत्ती (नेटल लीफ) का उपयोग किया जा सकता है। बिच्छु पत्ती पर सिलिकॉन से समृद्ध छोटे-छोटे बाल होते हैं, जो बहुत नाजुक होते हैं। जब बिच्छु पत्ती त्वचा को छूती है, तो ये बाल टूट जाते हैं और बहुत छोटे होने के कारण इनके सिरे त्वचा के अंदर आसानी से चले जाते हैं। इनके कारण त्वचा में कुछ रसायन बनने लगते हैं, जैसे हिस्टामाइन (Histamine) और सेरोटोनिन (Serotonin)। शोध में पाया गया है कि ये रसायन दर्द बढ़ाने वाले न्यूरॉन को शांत करते हैं और अर्थराइटिस का दर्द कम करने में सहायता कर सकते हैं (11)। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जिनके कारण यह जोड़ों में दर्द के लक्षण जैसे सूजन को कम करने में भी मदद कर सकती है। इन गुणों के कारण बिच्छु पत्ती इंफ्लेमेटरी रोग जैसे ऑस्टियोअर्थराइटिस से राहत पाने में मदद कर सकती है (12)।

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि बिच्छु पत्ती को छूने से शरीर में झनझनाहट हो सकती है। साथ ही, इसे छूने से त्वचा पर इरिटेशन या एलर्जी भी हो सकती है (13)। इससे किसी भी प्रकार की एलर्जी या खुजली होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

7. एक्सरसाइज

कई लोगों का यह मानना है कि जोड़ों में दर्द के दौरान एक्सरसाइज करने से समस्या बढ़ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। मिनियापोलिस मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय के एक शोध में यह पाया गया है कि जोड़ों में दर्द के दौरान एक्सरसाइज करने से फायदा मिल सकता है। एक्सरसाइज करने से दर्द में राहत और शारीरिक गतिविधि में सहजता मिल सकती है। साथ ही एक्सरसाइज मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद कर सकती है (14)। एक्सरसाइज की मदद से जोड़ों के दर्द का इलाज करने के लिए पहले डॉक्टर से परामर्श जरूरी है। मरीज की अवस्था को देखकर ही डॉक्टर बताएंगे कि क्या एक्सरसाइज करनी चाहिए।

यह बताने के बाद कि जोड़ों में दर्द का घरेलू इलाज कैसे किया जा सकता है, आइए अब आपको बताएं कि जोड़ों के दर्द का इलाज किस प्रकार किया जा सकता है।

जोड़ों में दर्द का इलाज – Joint Pain Treatment in Hindi

जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर इसका चिकित्सकीय इलाज करवाना भी बहुत जरूरी है। नीचे जानिए कि इसे किस प्रकार की दवाइयों की मदद करवाया जा सकता है (15)।

  • ट्रेमेडोल : यह दवा अर्थराइटिस के दौरान जोड़ों के दर्द को कम करने में लाभकारी साबित हो सकती है। इस दवा के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे – अधिक नींद आना, मलती व कब्ज।
  • नॉन स्टेरिओडल एंटीइंफ्लेमेटरी ड्रग्स : ये दवाइयां जोड़ों और मांसपेशियों की सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं । इस दवा का अधिक और लंबे समय तक सेवन करने से हृदयरोग और उससे जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • ओपिओइड : ये एनाल्जेसिक एजेंट की तरह काम करती हैं, जो दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं। ओपिओइड का अधिक सेवन करने से कब्ज, मलती और ज्यादा नींद आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • एंटीडिप्रेसेंट : एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों में एंटीकोसिसेप्टिव गुण होते हैं, जो दर्द को सुन्न करके, उससे कुछ देर के लिए राहत पाने में मदद कर सकते हैं।

इन दवाइयों के दुष्प्रभावों के चलते इनका सेवन डॉक्टर से परामर्श कर के किया जाना ही सुरक्षित है। दवाइयों के अलावा, थेरेपी की मदद से भी जोड़ों का दर्द कम किया जा सकता है। नीचे जानिए जोड़ों का दर्द कम करने की थेरेपी के बारे में।

  • एंटी-साइटोकाइन थेरेपी : यह थेरेपी इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए उपयोग की जाती है। इस थेरेपी में एनाल्जेसिक दवाइयों का उपयोग किया जाता है, जो दर्द को कम करने का काम कर सकती हैं।
  • कॉम्बिनेशन एनाल्जेसिक : इस थेरेपी में पेरासिटामोल और कोडीन नामक दवाइयों को मिला कर दिया जाता है, जिससे जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है।
  • टॉपिकल थेरेपी : इस थेरेपी में कैप्सैसिन जैसी दवाइयों को प्रभावित जगह पर लगाकर इलाज किया जाता है।
  • इंट्रा-आर्टिकुलर इंजेक्शन : इस थेरेपी में प्रभावित जोड़ में ग्लूकोसामाइन और क्रोनड्रोइटिन सल्फेट जैसी दवाओं के इंजेक्शन लगाए जाते हैं, जो जोड़ों के दर्द के लक्षण को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • एक्यूपंक्चर : किसी भी दर्द से राहत पाने के लिए एक्यूपंक्चर फायदेमंद और भरोसेमंद थेरेपी है। यह जोड़ों के दर्द को कम करने में लाभकारी साबित हो सकती है।
  • ट्रांसकुटनेऔस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिम्युलेशन (Transcutaneous electrical nerve stimulation) : इस थेरेपी में शरीर में हल्का करंट दिया जाता है, जिसे दर्द का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है।

नोट: ऊपर बताई गई किसी भी दवा का डॉक्टर से परामर्श किए बिना सेवन करना हानिकारक हो सकता है। जोड़ों को दर्द कम करने के लिए बताई गई थेरेपी को भी डॉक्टर की सलाह पर किसी विशेषज्ञ से ही करवाएं।

आगे जानिए कि जोड़ों के दर्द से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

जोड़ों में दर्द से बचाव  – Prevention Tips for Joint Pain in Hindi

नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखकर, जोड़ों के दर्द से बचा जा सकता है (16) :

  • अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  • अपने आहार में नमक, शक्कर और फैट वाले आहार की मात्रा संतुलित रखें।
  • अधिक वजन वाले लोगों को वजन कम करने पर काम करना चाहिए।
  • शारीरिक रूप से एक्टिव रहना चाहिए।
  • दैनिक जीवन में एक्सरसाइज और अन्य शारीरिक गतिविधियों को करते रहना चाहिए।
  • बार-बार जोड़ों को मोड़ने से बचना चाहिए।
  • खेलते समय कोशिश करें कि चोट न लगे। साथ ही कुछ ऐसी चीजें पहनकर खेल सकते हैं, जो चोट लगने से बचा सकें।

जोड़ों में दर्द ऐसी समस्या है, जो सावधानी न बरतने पर किसी को भी हो सकती है। साथ ही अब आप यह समझ चुके होंगे कि जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार कैसे किया जा सकता है। ध्यान रखिए कि लेख में बताए उपाय जोड़ों में दर्द के लक्षण कम करने में तो मदद कर सकते हैं, लेकिन मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है। सही समय पर ट्रीटमेंट न लेने पर यह समस्या बढ़ भी सकती है। ऐसे में सही इलाज, आहार और लेख में बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से इससे आराम पाया जा सकता है। साथ ही रोज एक्सरसाइज करें और स्वस्थ रखें। अगर अब भी आपके मन में जोड़ों में दर्द को लेकर कोई सवाल है, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे पूछ सकते हैं।

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टूना मछली के फायदे और नुकसान – Tuna Fish Benefits and Side Effects in Hindi

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शरीर को रोग मुक्त रखने के लिए सही पोषण का होना जरूरी है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति शाकाहारी और मांसाहारी, दोनों तरह के खाद्य पदार्थों से की जा सकती है। अगर बात करें नॉन वेज डाइट की, तो इसमें मछली की एक अहम भूमिका देखी जा सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम एक खास प्रकार की मछली ‘टूना’ के शारीरिक फायदों के बारे में बता रहे हैं। जानिए स्वास्थ्य के लिए टूना मछली के फायदे और इसके सेवन के विभिन्न तरीकों के बारे में। साथ ही आपको इस लेख में टूना मछली के नुकसान के विषय में भी जानकारी दी जाएगी। इस बात का ध्यान रखें कि टूना मछली लेख में बताई जाने वाली शारीरिक समस्याओं के प्रभाव व उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह किसी भी बीमारी का सटीक इलाज नहीं है। गंभीर स्वास्थ्य समस्या में मेडिकल ट्रीटमेंट को प्राथमिकता जरूर दें।

आइए, लेख में सबसे पहले जान लेते हैं कि टूना मछली क्या है।

टूना मछली क्‍या है? – What is Tuna Fish in Hindi

टूना एक विशेष प्रकार की मछली है, जिसे टन्नी (Tunny) के नाम से भी जाना जाता है। यह मछली ‘थुन्निनी’ नामक मछलियों की प्रजाति से संबंध रखती है। विश्व भर में इसकी कई प्रजातियां मौजूद हैं। माना जाता है कि इसकी कुछ प्रजातियां 40 से 50 वर्ष तक जीवित रह सकती हैं। इसके अलावा, इसने आकार में भी भिन्नता पाई जाती है। टूना मछली ज्यादातर खारे पानी में रहती हैं। वहीं, अगर इसके स्वाद की बात करें, तो यह खाने में लजीज होती हैं। स्वास्थ्य लाभ के मामले में भी यह किसी से कम नहीं है। आगे लेख में बताया गया है कि इस मछली का सेवन कौन-कौन सी शारीरिक समस्याओं के लिए लाभकारी हो सकता है।

टूना मछली से होने वाले फायदे को जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।

टूना मछली के फायदे – Benefits of Tuna Fish in Hindi

टूना मछली को आहार में शामिल करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह कई शारीरिक समस्याओं को दूर रखने में मदद कर सकती है। टूना मछली के फायदे इस तरह से हो सकते हैं।

1. वजन घटाने के लिए

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, फिश ऑयल का सेवन कमर व नितंब के अनुपात (Waist-Hip Ratio) को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से शरीर के वजन को कम करने में कितना लाभकारी हो सकता है, इस पर और शोध की आवश्यकता है (1)। वेस्ट-हीप के अनुपात को कम करने के लिए डॉक्टरी परामर्श पर टूना फिश ऑयल की खुराक ली जा सकती है। साथ ही व्यायाम भी जरूरी है।

2. हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, हड्डियों को स्वस्थ रखने में कैल्शियम और विटामिन डी की अहम भूमिका होती है। कैल्शियम हड्डियों के निर्माण में मदद करता है और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। इससे हड्डियों का स्वास्थ्य बरकरार रहता है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग और फ्रैक्चर के जोखिम कम करने में कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट कारगर साबित हो सकते हैं। यहां टूना मछली फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि यह बताए गए दोनों पोषक तत्वों से समृद्ध होती है (2) (3)।

3. गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी

गर्भवती महिला के लिए खान-पान का ध्यान रखना जरूरी होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, टूना मछली का सेवन गर्भवती और शिशु के लिए लाभदायक हो सकता है। टूना मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो गर्भवती को हृदय रोग के जोखिम से बचाने में मदद कर सकता है। साथ ही भ्रूण के मस्तिष्क और सेंट्रल नवर्स सिस्टम के विकास में भी सहायक हो सकता है। इसके अलावा, टूना मछली का सेवन जन्म के समय नवजात के वजन और गर्भावस्था के समय पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है (4)।

4. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अगर मजबूत है, तो रोग उत्पन्न होने का डर कम हो जाता है। शरीर की प्रतिरक्षा को बनाए रखने में टूना मछली का सेवन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। टूना मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) की तरह काम कर सकता है, जिसे इम्यून स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (5)। इसलिए, टूना के फायदे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी माने जा सकते हैं।

5. आंखों के लिए फायदेमंद

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए मछली का सेवन फायदेमंद माना जाता है। उन मछलियों की सूची में टूना का भी नाम शामिल है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार मछलियों में खासकर टूना का सेवन, बढ़ती उम्र के साथ होने वाले नेत्र रोग जैसे एज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन (Age-related macular degeneration) पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है (6)। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. हृदय के लिए लाभकारी

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, टूना मछली के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी हो सकते हैं। जैसा कि हमने बताया कि टूना मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध होती है और यह फैटी हृदय रोग के जोखिम को कम करने के साथ-साथ कार्डियक डेथ (हृदय रोग से होने वाली मृत्यु) के जोखिम को भी कम कर सकता है (7)।

7. स्तन कैंसर को दूर रखने के लिए

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, विटामिन डी की कमी स्तन कैंसर का कारण बन सकती है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि टूना अन्य पोषक तत्वों के साथ विटामिन-डी से भी समृद्ध होती है और विटामिन-डी का पर्याप्त मात्रा में सेवन स्तन कैंसर से बचाव का काम कर सकता है (8) (9) (3)। हालांकि, टूना मछली सीधे तौर पर स्तन कैंसर के लिए कितनी फायदेमंद होगी, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है। इसलिए, हमारी सलाह यह है कि अगर कोई कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त है, तो उसे डॉक्टर से उपचार जरूर करवाना चाहिए। सिर्फ घरेलू उपचार के सहारे रहना सही निर्णय नहीं है।

टूना मछली के फायदे जानने के बाद आगे जानिए इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में।

टूना मछली के पौष्टिक तत्व – Tuna Fish Nutritional Value in Hindi

टूना मछली में मौजूद पौष्टिक तत्वों को जानने के लिए नीचे हम एक तालिका साझा कर रहे हैं (3)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 g
पानी 74.03 g
ऊर्जा 109 kcal
प्रोटीन 24.4 g
टोटल लिपिड (फैट) 0.49 g
मिनरल
कैल्शियम ,Ca 4 gm
आयरन ,Fe 0.77 mg
मैग्नीशियम , Mg  35 mg
फास्फोरस,P 278 mg
पोटैशियम ,K 441 mg
सोडियम ,Na 45 mg
जिंक ,Zn 0.37 mg
विटामिन
थियामिन 0.118 mg
राइबोफ्लेविन 0.115 mg
नियासिन 18.475 mg
विटामिन बी -6 0.933 mg
फोलेट, DFE 2 µg
विटामिन बी-12 2.08 µg
विटामिन ए, RAE 18 µg
विटामिन ए, IU 60 IU
विटामिन ई (अल्फा टोकोफेरॉल) 0.24 mg
विटामिन डी 69 IU
लिपिड
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.172 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड 0.116 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.147 g

लेख के आगे के भाग में जानिए टूना मछली का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

टूना मछली का उपयोग – How to Use Tuna Fish in Hindi

नीचे जानिए टूना मछली के सेवन के विभिन्न तरीकों के बारे में –

कैसे खाएं :
  • इसे फिश करी की तरह खाया जा सकता है।
  • इसे भूनकर खाया जा सकता है।
  • इसका सूप बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • इसे स्टीम करके भी खाया जा सकता है।
कब खाएं :
  • फिटनेस के शौकीन सुबह या शाम स्टीम फिश खा सकते हैं।
  • दोपहर या रात के खाने के साथ फिश करी का आनंद लिया जा सकता है।
  • शाम में भुनी हुई मछली खाई जा सकती है।
कितना खाएं :

टूना मछली को हफ्ते में लगभग 226 ग्राम तक खाया जा सकता है, जो शरीर के लिए लाभदायक हो सकता है (10)। फिर भी इसके सेवन से पहले एक बार आहार विशेषज्ञ से उचित मात्रा की जानकारी ले सकते हैं।

आगे जानिए इससे होने वाले नुकसान के बारे में।

टूना मछली के नुकसान – Side Effects of Tuna Fish in Hindi

जिस तरह टूना मछली लाभ पहुंचाने का काम कर सकती है। वैसे ही कई बार इससे नुकसान भी देखे जा सकते हैं –

  • सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक छोटी मछलियों की तुलना में बड़ी मछलियों में मरकरी की मात्रा अधिक होती है, जिसमें टूना भी शामिल है। यहां मरकरी युक्त मछली गर्भावस्था के दौरान और जन्म के बाद शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को बाधित कर सकती है (11)।
  • जिन्हें मछली खाने की ज्यादा आदत नहीं है, उन्हें पाचन क्रिया से संबंधित परेशानी हो सकती है, लेकिन इसके लिए अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
  • अगर मछली को पकाने से पहले ठीक से साफ न किया जाए, तो संक्रमण का खतरा हो सकता है (12)।

अब तो आप समझ गए होंगे कि स्वास्थ्य के लिए टूना मछली किस प्रकार फायदेमंद हो सकती है। साथ ही कौन-कौन सी बीमारियों के प्रभाव को कम करने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, लेख में इसके सेवन करने के विभिन्न तरीकों के बारे में भी बताया गया है। ऐसे में इसके शारीरिक फायदे पाने के लिए इसे दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। यहां एक बार फिर से बता दें कि टूना मछली लेख में बताई गई किसी भी बीमारी का उपचार नहीं कर सकती है, लेकिन उनके लक्षणों को कम करने में सहायक भूमिका जरूर निभा सकती है। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित होगा। लेख से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।

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What Your Favorite Bollywood Stars Were Like As Kids

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Bollywood stars are dreamy! Aren’t they? But have you ever wondered what your favorite Bollywood celebrities looked like as children? The handsome hunk hero and the diva heroine were all tiny little munchkins back in their childhood. Have you ever wondered what their lives were like growing up? Which was the first film they acted in? Well, look no further. We’ve got just the right list for all you filmi buffs out there. Read on to take a walk through your favorite stars’ childhood.
Warning: Tonnes of lethal cuteness ahead!

1. Aamir Khan

Aamir Khan

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Aamir Khan was born to Tahir Hussain, a filmmaker, and Zeenat Hussain on 14 March 1965 in the city of Bombay. A few of his family members were also heavily involved in the Hindi film industry, including his late uncle, filmmaker Nasir Hussain. As a child performer, Aamir showed up on screen in two small roles. At eight years old, he acted in a profoundly well-known song in the Nasir Hussain-directed film Yaadon Ki Baaraat (1973). The next year, he depicted the young version of Mahendra Sandhu’s character in his dad’s creation Madhosh (1974).

2. Hrithik Roshan

Hrithik Roshan was born on 10th January 1974 in Bombay, India, to Rakesh and Pinky Roshan. His dad is an outstanding filmmaker and a successful actor in the Bollywood film industry. He originally showed up in the 1980 Hindi film Aasha as a kid on-screen character, where he assumed a minor job. He had showed up in a few other motion pictures too. It was during his young years that he settled on his choice to turn into a full-time actor. Be that as it may, his dad needed him to concentrate on his examinations.

3. Sanjay Dutt

Sanjay Dutt

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Sanjay Balraj Dutt was born into a Punjabi family in Bombay. His folks were noted actor Sunil Dutt and actress Nargis. Priya Dutt and Namrata Dutt are his sisters. Dutt was very attached to his mother Nargis but sadly she passed away in 1981, a few weeks prior to his Bollywood debut. Her passing is referred to as the instigator of his drug abuse. As a child artist Dutt portrayed a qawali artist in the 1972 film Reshma Aur Shera, which featured his dad.

4. Sridevi

Sridevi

sridevi.kapoorfc / Instagram

Sridevi was born and brought up in a small town called Sivakasi in Tamil Nadu. She was born on 13 August 1963 to her Tamil-Telugu parents, Ayyapan and Rajeshwari. Her dad was an attorney from Sivakasi, Tamil Nadu while her mother was a homemaker from Tirupati, Andhra Pradesh. Sridevi began her career as a child actress at a young age of four in the Tamil film Kandan Karunai (1967). Her trajectory only went up from there and her remarkable acting skills won her a lot of attention as well as film roles. Sridevi made her introduction in the Telugu film industry with the 1970 film Maa Nanna Nirdoshi. Then going by the name, Baby Sridevi, her talent and acting skills in the Malayalam movie Poompatta (1971) won her the Kerala State Film Award for Best Child Artist.

5. Shahid Kapoor

Shahid Kapoor

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Shahid Kapoor was born in New Delhi on 25 February 1981 to actor Pankaj Kapur and actress Neelima Azeem. Sadly, his parents separated from each other when he was just three years of age. Subsequently, his father moved to Mumbai and married actress Supriya Pathak while Shahid lived in Delhi with his mom and maternal grandparents. His grandparents were columnists for the Russian magazine Sputnik, and Kapoor was especially attached to his granddad. His dad, then a struggling actor in Mumbai, would visit Kapoor just once every year on his birthday. When Kapoor was 10, his mom moved the family to Mumbai to begin working as an actress. In Mumbai, Azeem proceeded to wed the actor Rajesh Khattar and eventually gave Shahid a sibling, Ishaan Khattar. Kapoor lived with his mom and stepfather until they separated in 2001.

6. Bobby Deol

Bobby Deol

iambobbydeol / Instagram

Deol was naturally born to a Jatt family as the second child of actor Dharmendra and his first wife Parkash Kaur. He has three siblings from his father’s first marriage, including Sunny Deol and two sisters. His father later married South Indian film actress, Hema Malini after which he got two half-sisters, Esha Deol (actress) and Ahana Deol. Bobby first gained attention after acting with his father Dharmendra in the film Dharam Veer in 1977.

7. Tabu

Tabassum Fatima Hashmi was born to Jamal Hashmi and Rizwana in a Hyderabadi Muslim family. She was only a child when her parents got separated. Her mom was a teacher and her maternal grandparents were retired teachers who ran a school. Her granddad, Mohammed Ahsan, was a professor of Mathematics, and her grandmother was a teacher of English Literature. The actress is also related to veteran actress, Shabana Azmi. Tabassum “Tabu” Hashmi first appeared in the film Bazaar in 1980, and later in the film Hum Naujawan (1985) at fourteen years of age; she played Dev Anand’s child in the film.

What did you think of this list? Were you surprised by your favorite childhood actors’ names appearing on this list? Let us know your thoughts in the comment section below.

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